पीलीभीत : पीलीभीत में टाइगर किसान को मारकर खा गया। किसान खेत से लौट रहा था, तभी अचानक बाघ ने हमला कर दिया। गर्दन पर झपट्‌टा मारा और 300 मीटर घसीटकर ले गया। फिर हाथ-पैर और आधे से ज्यादा सिर खा गया।

जब किसान काफी देर घर नहीं पहुंचा तो बेटा ग्रामीणों के साथ तलाश करते हुए पहुंचा। वहां खेत पर पिता के खून से सने कपड़े और टॉर्च पड़ी थी। बेटा थोड़ी दूर आगे गया तो पेड़ के नीचे बैठा टाइगर किसान को खा रहा था।

ग्रामीणों ने शोर मचाया। पटाखे फोड़े। तब जाकर टाइगर वहां से भागा। बेटा दौड़ते हुए पहुंचा तो पिता का शव देखकर बेहोश हो गया। सिर्फ आधा शव पड़ा हुआ था। घटना मंगलवार रात पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास नजीरगंज गांव की है।

हरिपुर रेंज के वन रेंजर शहीर अहमद ने घटना की पुष्टि की। कहा- टाइगर के हमले में हंसराज (50) की मौत हो गई। रात एक बजे शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।

रात 10 बजे टाइगर ने किया अटैक

पीलीभीत जिला मुख्यालय से 65 किमी दूर पीलीभीत टाइगर रिजर्व है। इससे सटा हुआ नजीरगंज गांव है। यहां रहने वाले हंसराज (50) अपने बेटे अजय और दो-चार किसानों के साथ मंगलवार शाम 7 बजे खेत पर पानी देने के लिए गए। खेत गांव से करीब 400 मीटर दूर है।

शाम 7 बजे सभी लोग खाना खाने के लिए घर लौट आए। रात 10 बजे करीब हंसराज वापस खेत में चले गए। उन्होंने खेत में पानी लगाया। वहां से लौटते वक्त टाइगर ने उन पर हमला कर दिया। रात होने के चलते आसपास कोई सुनने वाले वाला नहीं था।

तस्वीरें देखिए…

पिता को तलाशते हुए बेटा ग्रामीणों के साथ खेत में पहुंचा। देखा तो बाघ पिता को खा रहा था। शोर मचाने पर बाघ वहां से भागा।

पिता को तलाशते हुए बेटा ग्रामीणों के साथ खेत में पहुंचा। देखा तो बाघ पिता को खा रहा था। शोर मचाने पर बाघ वहां से भागा।

किसान हंसराज का आधा शरीर बाघ खा गया था। बेटा शव देखकर बेहोश हो गया।

किसान हंसराज का आधा शरीर बाघ खा गया था। बेटा शव देखकर बेहोश हो गया।

शव को आधा खा चुका था

काफी देर तक हंसराज घर नहीं पहुंचे तो बेटों ने आसपास के कुछ लोगों बुलाया। वह उन्हें तलाशते हुए खेत पहुंचे। वहां आवाज लगाई तो कुछ पता नहीं चल पाया। थोड़ी दूर में हंसराज की टॉर्च और खून से सना रुमाल मिला।

इसके बाद गांव में फोन करके और लोगों को बुलाया गया। लोग आसपास तलाश करने लगे। खेत में थोड़ी दूर पर बाघ शव को खा रहा था। ग्रामीणों ने शोर मचाकर बाघ को वहां से भगाया।

बड़े बेटे अजय ने कहा- अब तो हमें अपने खेत में भी जाने से डर लगता है। ग्राम प्रधान ने उसे ढांढस बंधाया।

बड़े बेटे अजय ने कहा- अब तो हमें अपने खेत में भी जाने से डर लगता है। ग्राम प्रधान ने उसे ढांढस बंधाया।

बेटे ने बताई आंखों देखी

हंसराज के मंझले बेटे महेश कुमार ने बताया- पापा शाम में पानी लगाने गए। 3 बजे से पानी मिला था। पानी चालू करके शाम 7 बजे घर पर खाना खाने आए। रात 10 बजे वापस लौटे कि पानी बंद कर दें ताकि दूसरे लोग अपने खेतों में पानी भर सकें। साथ के लोग पीछे रह गए और पिताजी साइकिल से अकेले ही खेत पहुंच गए।

खेत में पानी भर चुका था। पिताजी पानी बंद कर रहे थे, तभी बाघ ने हमला कर दिया। काफी देर जब वह वापस नहीं आए तो हम खोजते हुए खेत पहुंचे। खेत में पिताजी नहीं मिले। उनका खून से सना रुमाल और कपड़े मिले।

हमने खोजना शुरू किया तो हमारे खेत से थोड़ी दूर टाइगर पिता जी को खा रहा था। मैंने अपनी आंखों से यह देखा। हम करीब 150 ग्रामीणों ने शोर मचाकर बाघ को भगाया। तब तक बाघ पिताजी के निचले हिस्से को खा चुका था। उनकी मौत हो चुकी थी।

परिजन बोले- वन विभाग से कोई नहीं आया

हंसराज के बेटे महेश और सर्वेश ने कहा- रात में वन विभाग का कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। जबकि तुरंत उनको सूचना दे दी थी। वहीं, रेंजर शहीर अहमद ने बताया- घटना की सूचना मिलते ही मैं और हमारी टीम मौके पर पहुंची थी।

पूरनपुर एसडीएम अजीत प्रताप सिंह बुधवार सुबह पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात की। कहा- सरकार की ओर से हर संभव सहायता दी जाएगी। वन विभाग को विशेष अलर्ट रहने को कहा गया है।​​​​​​​

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