प्रयागराज : ‘मैंने बेटे को बहुत लाड-प्यार से पाल-पोसकर बड़ा किया। एक लड़की की खातिर मां को छोड़कर चला गया। एक बार भी नहीं सोचा कि उसके बाद मैं कैसे जीऊंगी।’

यह कहते-कहते सुनैना देवी फफककर रोने लगीं। कहा- मैंने उससे कहा था कि पहले पढ़ाई पूरी कर लो। फिर जिससे कहोगे, उससे तुम्हारी शादी करा देंगे। क्या उसे मुझ पर भरोसा नहीं था। वह हर बात मुझे बताता था। गर्लफ्रेंड वाली बात उसने मुझे बताई थी। तभी मैंने उसे समझाया था।

30 अप्रैल को सुनैना के बेटे सौरभ ने अपनी गर्लफ्रेंड कोमल का हाथ पकड़कर ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी थी। दोनों में 2 साल से अफेयर था। घरवाले उनके रिश्ते से खुश नहीं थे। इसलिए दोनों ने सुसाइड कर लिया। मामला शंकरगढ़ थाना क्षेत्र का है।

ये तस्वीर सौरभ और कोमल की है, जिन्होंने खुदकुशी की है।

ये तस्वीर सौरभ और कोमल की है, जिन्होंने खुदकुशी की है।

मां बोली- सौरभ और कोमल एक-दूसरे को 2 साल से जानते थे

गांव कल्याणपुर की रहने वाली सुनैना देवी ने बताया- सौरभ को पढ़ाई के साथ बागवानी का बहुत शौक था। कॉलेज से लौटकर वह घर और खेतों की बागवानी में घंटों बिताता। उसने कई तरह के फूलों के पौधे लगाए थे। उनके पास बैठकर खुद से बातें करता था।

सौरभ और कोमल एक-दूसरे को करीब 2 साल से जानते थे। उनके बीच नजदीकियां थीं। बेटे ने मुझे बताया था। तब मैंने उसे समझाते हुए कहा था- पढ़ाई पर ध्यान दो। पहले कुछ बन जाओ। फिर शादी के बारे में सोचो। जो तुम कहोगे, वही होगा।

सौरभ के पिता बृजमोहन यादव ने बताया- पुलिस ने मुझे 45 किलोमीटर दूर प्रयागराज के पोस्टमॉर्टम हाउस बुलाया। वहां पहुंचा, तो उन्होंने डेडबॉडी दिखाई। ये बॉडी मेरे बेटे सौरभ यादव (18) की थी। बेटे का शव देखकर मैं बेसुध हो गया। उसने ऐसा क्यों किया, कुछ बताया भी नहीं।

उसे मैं एक अधिकारी के रूप में देखना चाहता था। सोचा था पढ़-लिखकर नाम करे, लेकिन उसने मौत चुन ली।

सौरभ के पिता का कहना है कि अगर वह कुछ बताता तो मैं उसे जरूर पूरा करता।

सौरभ के पिता का कहना है कि अगर वह कुछ बताता तो मैं उसे जरूर पूरा करता।

भतीजी ने प्यार के बारे में बताया नहीं, बताती तो कभी दूर नहीं होने देता

कोमल के फूफा पुष्पराज पटेल ने बताया- बुधवार सुबह वह स्कूल के लिए निकली थी, लेकिन फिर नहीं लौटी। हम लोगों ने सोचा कि वह अपने माता-पिता के पास रीवा (मध्यप्रदेश) चली गई होगी। फिर शाम को घटना के बारे जानकारी मिली। भतीजी के प्यार के बारे में कभी पता नहीं चला। अगर उसने एक बार भी कुछ बताया होता, तो उसे कभी अपने से दूर नहीं होने देते।

उन्होंने बताया- कोमल के पिता रावेंद्र सिंह किसान हैं। वह मूलरूप से रीवा जिले में रहते हैं। गांव में बच्चों की पढ़ाई संभव नहीं थी, इसलिए उन्होंने बेटी कोमल और बेटे को मेरे पास भेज दिया था। कोमल पिछले 3 साल से यहां थी। हाल ही में उसने 10वीं की परीक्षा दी थी। कोमल कॉलेज में तीसरी रैंक पर आई थी।

ये तस्वीर 30 अप्रैल की है, ट्रैक से शवों को हटाते रेलवेकर्मी।

ये तस्वीर 30 अप्रैल की है, ट्रैक से शवों को हटाते रेलवेकर्मी।

सौरभ और कोमल अच्छे दोस्त थे

कॉलेज के छात्रों ने बताया- कोमल और सौरभ पिछले 2 साल से एक ही क्लास में साथ पढ़ते थे। दोनों पढ़ाई में अव्वल थे। सौरभ के दोस्त ने बताया कि दोनों साथ बैठते थे और आपस में अच्छी समझ थी। लेकिन, अपनी बातें किसी तीसरे से शेयर नहीं करते थे।

थाना शंकरगढ़ के इंस्पेक्टर ओमप्रकाश ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर मिले शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार वालों को सौंप दिया गया। पूछताछ में दोनों परिवारों ने बताया कि दोनों बच्चे काफी समय से साथ रहने और शादी की जिद कर रहे थे। परिवार की मंजूरी नहीं मिलने से नाराज होकर उन्होंने यह कदम उठा लिया।

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