प्रयागराज : प्रयागराज और कौशांबी में दलित उत्पीड़न के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। रविवार को पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे सांसद चंद्रशेखर को पुलिस ने प्रयागराज में रोक दिया। इसके बाद भीम आर्मी के कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। पुलिस की गाड़ियां तोड़ दीं। बाइकों में आग लगा दी। 5 घंटे तक बवाल चला। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।
दरअसल, प्रयागराज में दलित युवक की हत्या के बाद अधजली लाश मिली थी। हत्या के आरोपी जेल भेजे जा चुके हैं। जबकि, कौशांबी में बच्ची से रेप के मामले में पुलिस की चूक ने मामले को ब्राह्मण बनाम पाल कर दिया है।
पहले सपा, फिर बसपा, कांग्रेस और अब आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष, सांसद चंद्रशेखर आजाद ने दोनों परिवारों से मुलाकात करने जा रहे थे।
अब चंद्रशेखर का ऐलान- लखनऊ में करेंगे बड़ा आंदोलन
रविवार को पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद को सर्किट हाउस में करीब 5 घंटे रोक कर रखा। “दैनिक भास्कर” ने चंद्रशेखर आजाद से बातचीत की। चंद्रशेखर ने कहा- आज भले ही पुलिस ने मुझे परिवारों से मिलने से रोक दिया हो, लेकिन इसे लेकर मैं लखनऊ में जल्द ही बड़ा आंदोलन करूंगा। इस मुद्दे को मैं संसद में भी उठाऊंगा।
चंद्रशेखर ने कहा- मैं एक सांसद हूं और पीड़ित परिवार से मिलने के लिए आया था, लेकिन मिलने नहीं दिया गया, क्या मैं टेररिस्ट हूं? पुलिस के लोग इसका जवाब दें कि आखिर मुझे पुलिस उस परिवार से क्यों नहीं मिलने दे रही है। पुलिस तो अपराध रोक नहीं पा रही है। लगातार घटनाएं हो रही हैं। यदि अपराध न हुआ होता तो मैं यहां क्यों आता?

रविवार शाम 5 घंटे तक प्रयागराज का यमुनापार इलाका पुलिस और 5 हजार भीम आर्मी समर्थकों के बीच गुरिल्ला युद्ध का मैदान बना रहा। भीड़ ने पुलिस पर ईंट-पत्थर फेंके। पुलिस की गाड़ियां तोड़कर पलट दी। कई बाइक जला दीं।
चंद्रशेखर बोले- बवाल करने वाले मेरे समर्थक नहीं
चंद्रशेखर आजाद ने कहा- ‘मेरे कार्यकर्ताओं ने कोई हंगामा-बवाल नहीं किया है। जब इस तरह की घटनाएं होती हैं तो कुछ उदंड लोग इसमें घुसकर हंगामा करने का काम करते हैं। मैंने प्रशासन से कहा है कि वीडियो और फोटो के जरिए चिह्नित करके ऐसे लोगों पर कार्रवाई करें। चाहे वह किसी भी संगठन के हों। मैं ऐसे लोगों का समर्थन नहीं करता हूं।
40 से 50 लोगों को पुलिस ने उठाया
प्रयागराज में बवाल, तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों की तलाश में पूरी रात पुलिस ताबड़तोड़ दबिश देती रही। पुलिस 40 से 50 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। कई लोग घर छोड़कर फरार हैं। पुलिस ने 50 नामजद, 400 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सरकारी संपत्ति के नुकसान के साथ आगजनी में जलाए गए वाहनों की भरपाई भी इन्हीं उपद्रवियों से की जाएगी।
लड़की से बात करने पर हुई थी दलित की हत्या, पहले शराब पिलाई फिर उसी शराब से जलाया

लाश मिलने के बाद गांव के लोगों ने हंगामा किया। अधिकारी पहुंचे, मगर गांव के लोग बहुत गुस्से में थे।
प्रयागराज में दलित देवी शंकर की 13 अप्रैल को हत्या कर दी गई। पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनसे पूछताछ में मामला ‘लव अफेयर’ की रंजिश का निकला। देवी शंकर अवधेश सिंह उर्फ डीएम के परिवार की एक लड़की से फोन पर बात करता था।
इसीलिए 12 अप्रैल की रात देवी शंकर को दिलीप सिंह उर्फ छुट्टन उसके घर से लाया। पहले सबने शराब पार्टी की। खूब शराब पी और धुत्त हो गए। फिर लड़की से बातचीत के मुद्दे पर झगड़ा शुरू हो गया। यह सब करीब 5 घंटे तक चलता रहा। इसके बाद आरोपियों ने देवीशंकर को पीट-पीटकर मार डाला। फिर लाश के कपड़े उतारकर शराब में भिगो दिए। लाश पर यही कपड़े डालकर आग लगा दी।
इसके बाद आठों आरोपी भाग निकले, लेकिन तेज हवाओं से आग बुझ गई और लाश पूरी तरह से जल नहीं पाई। 13 अप्रैल की सुबह उसकी अधजली लाश मिलने के बाद देवी शंकर के घरवाले आक्रोशित हो गए। उन्होंने न सिर्फ हत्यारोपियों के घर पर तोड़-फोड़ की थी, बल्कि पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस को 2 घंटे तक लाश भी नहीं उठाने दी।
बाद में पोस्टमॉर्टम के बाद 13 अप्रैल की रात ही पुलिस ने देवी शंकर का जबरन अंतिम संस्कार करवा दिया। इसके बाद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया। लोग रोड पर इकट्ठा हो गए और हंगामा करने लगे। दलित हत्या में सियासत बढ़ने के बाद 14 अप्रैल की शाम को दिलीप और अवधेश के खेतों पर बुलडोजर चला। प्रशासन के मुताबिक, 1.5 बीघा सरकारी जमीन पर उनका कब्जा था।