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Godrej फैमिली की संपत्ति का 127 साल बाद बंटवारा, जानिए किसके हिस्से आई कितनी संपत्ति?

By Dainik Ujala May1,2024

दैनिक उजाला, बिज़नेस डेस्क : साबुन और घरेलू उपकरणों से लेकर रियल एस्टेट तक फैले 127 साल पुराने गोदरेज समूह के संस्थापक परिवार ने समूह को विभाजित करने के लिए एक समझौता किया है। इस समझौते के अनुसार, आदि गोदरेज (Adi Godrej) और उनके भाई नादिर (Nadir Godrej) ने गोदरेज इंडस्ट्रीज को अपने पास रखा है। आदि और नादि के पास पांच सूचीबद्ध कंपनियां हैं जबकि चचेरे भाई जमशेद और स्मिता को असूचीबद्ध गोदरेज एंड बॉयस और उसके सहयोगियों के साथ-साथ मुंबई में प्रमुख संपत्ति सहित जमीनें मिल रही हैं।

गोदरेज समूह द्वारा जारी बयान के अनुसार, परिवार को दो शाखाओं के बीच विभाजित किया गया है। इसमें एक तरफ आदि गोदरेज (82) और उनके भाई नादिर (73) और दूसरी तरफ उनके चचेरे भाई जमशेद गोदरेज (75) और स्मिता गोदरेज कृष्णा (74) हैं। .

जमशेद गोदरेज, गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप – जिसमें गोदरेज एंड बॉयस और उसकी सहयोगी कंपनियों को संभालेंगे। इसमें एयरोस्पेस और विमानन से लेकर रक्षा, फर्नीचर और आईटी सॉफ्टवेयर तक कई चीजें शामिल हैंं जमशेद गोदरेज इन कंपनियों के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के बतौर बिजनेस संभालेंगे। जमशेद की बहन स्मिता की 42 वर्षीय बेटी न्यारिका इन कंपनियों की कार्यकारी निदेशक होंगी। गोदरेज परिवार के इस हिस्से के हिस्से मुंबई में 3400 एकड़ जमीन भी आई हैं।

नादिर गोदरेज और परिवार के हिस्से गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह में शामिल सूचीबद्ध कंपनियां आई हैं। इसमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज कंपनियां शामिल हैं। नादिर इन कंपनियों के अध्यक्ष होंगे। आदि के 42 वर्षीय बेटे पिरोजशा गोदरेज जीआईजी के कार्यकारी उपाध्यक्ष होंगे और अगस्त 2026 में नादिर की जगह लेंगे।

वकील से उद्यमी बने अर्देशिर गोदरेज और उनके भाई ने 1897 चिकित्सा उपकरणों के निर्माण कारोबार में हाथ आजमाया लेकिन असफल रहे लेकिन उन्हें बाद में वह ताला निर्माण कारोबार में सफलता मिली। अर्देशिर की कोई संतान नहीं थी इसलिए समूह उनके छोटे भाई पिरोजशा को विरासत में मिला। पिरोजशा के चार बच्चे हैं – सोहराब, दोसा, बुर्जोर और नवल।

भविष्य के बारे में टिप्पणी करते हुए जमशेद गोदरेज ने कहा, “1897 से गोदरेज एंड बॉयस हमेशा राष्ट्र निर्माण के मजबूत उद्देश्य से प्रेरित रहा है। अब इस बंटवारे के बाद हम कम जटिलताओं के साथ अपनी विकास आकांक्षाओं को आगे बढ़ा सकते हैं।

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