मुंबई : RSS चीफ मोहन भागवत के 3 बच्चे पैदा करने की सलाह पर शिवसेना UBT से राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा- एक तरफ भाजपा यूनिफॉर्म सिविल कोड की बात करती है। दूसरी तरफ बच्चे बढ़ाने की बात करती है।

उधर, कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने भी भागवत के बयान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- क्या हम खरगोश हैं, जो बार-बार बच्चे पैदा करें। जो ऐसा कह रहे हैं, वे खुद कितने बच्चों को पाल सकते हैं? उनका क्या अनुभव है? हम सब जानते हैं।

दरअसल, भागवत ने 1 दिसंबर को नागपुर में कठाले कुल सम्मेलन में कहा था- जनसंख्या वृद्धि दर 2.1% से नीचे नहीं होनी चाहिए। इसके लिए 2 की बजाय 3 बच्चे पैदा करें। अगर किसी समाज की जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वह समाज अपने आप नष्ट हो जाएगा।

राउत बोले- भागवत बुजुर्ग आदमी हैं

संजय राउत ने कहा कि मोहन भगवत को देश के पापुलेशन के बारे में बहुत चिंता है। भागवत और कितनी पापुलेशन बढ़ाना चाहते हैं? भागवत को ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह भाजपा के लोगों को देनी चाहिए। हमारा देश खतरे में है। क्या सरकार नौकरी दे रही है। किसानों का दाम दे रही है? पढ़ाई दे रही है, सब फ्री में है क्या?

कांग्रेस सांसद बोलीं- बेरोजगार पुरुष शादी नहीं कर पा रहे हैं

रेणुका चौधरी ने कहा कि देश में बेरोजगार पुरुष शादी नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि कोई भी अपनी बेटी की शादी ऐसे शख्स से नहीं करना चाहता जो बेरोजगार हो। उनके पास रोजगार नहीं है। वे अपने परिवार का पालन-पोषण कैसे करेंगे? पैसा नहीं है।

बुजुर्ग माता-पिता अब भी अपने बच्चों का ध्यान रख रहे हैं और वे कह रहे हैं कि और बच्चे पैदा करो। अगर कोई बीमार हो जाता है और अस्पताल में भर्ती होता है तो इलाज के खर्च बहुत अधिक होते हैं।

ओवैसी बोले- ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को 1500 रुपए देंगे क्या

AIMIM चीफ असदउद्दीन ओवैसी ने 1 दिसंबर को कहा था- मैं मोहन भागवत से पूछना चाहता हूं कि वह अधिक बच्चे पैदा करने वालों को क्या देंगे? क्या वह अधिक बच्चे पैदा करने वालों के बैंक खातों में 1500 रुपये देंगे? क्या वह इसके लिए कोई योजना लाएंगे?… जब मोहन भागवत अपने किसी करीबी को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें इसके लिए कोई योजना लानी चाहिए।

पहले भी कई बार भागवत जनसंख्या पर बयान दे चुके हैं

अक्टूबर 2021: जनसंख्या दर में अंतर के कारण मुस्लिम आबादी बढ़ी

विजयादशमी उत्सव के दौरान संघ प्रमुख ने कहा कि वर्ष 1951 से 2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अंतर के कारण देश की जनसंख्या में जहां भारत में उत्पन्न मत पंथों के अनुयायियों का अनुपात 88% से घटकर 83.8% रह गया है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात 9.8% से बढ़कर 14.24% हो गया है। असंतुलन पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नीति होनी चाहिए।

जुलाई 2022: फर्टिलिटी रेट 2.1 से नीचे आना खतरनाक हो सकता है

भागवत ने एक साल बाद फिर कहा- एक व्यापक जनसंख्या नियंत्रण नीति की जरूरत है। जो सभी पर बराबरी से लागू होती हो। जनसंख्या असंतुलन पर हमें नजर रखनी होगी। जब सभी पर बराबरी से एक नीति लागू होगी तो किसी को भी रियायतें नहीं मिलेंगी। कुछ साल पहले फर्टिलिटी रेट 2.1 था। दुनिया की आशंकाओं से उलट हमने बेहतर किया और इसे 2 तक लेकर आए, लेकिन और नीचे आना खतरनाक हो सकता है।

जुलाई 2022: खाने और बच्चे पैदा करने का काम जानवर भी करते हैं

मोहन भागवत जुलाई 2022 में कर्नाटक की श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान भागवत ने कहा- जनसंख्या बढ़ाने और खाने का काम तो जानवर भी करते हैं। ये जंगल में सबसे ताकतवर रहने के लिए जरूरी है। ताकतवर ही जिंदा रहेगा, ये जंगल का कानून है। इंसानों में ऐसा नहीं है। इंसानों में जब ताकतवर दूसरे की रक्षा करता है तो ये ही इंसानियत की निशानी है।

13 जुलाई 2022 को मोहन भागवत कर्नाटक के मुड्‌डेनाहल्ली में सत्य साईं यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे।

13 जुलाई 2022 को मोहन भागवत कर्नाटक के मुड्‌डेनाहल्ली में सत्य साईं यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे।

2062 में पीक पर होगी भारत की आबादी, उसके बाद गिरावट होगी

UN की तरफ से हालिया जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की आबादी 2062 में अपने पीक पर होगी। तब देश में 1.701 अरब लोग होंगे। साल 2062 में जनवरी और जुलाई के बीच जनसंख्या में गिरावट शुरू हो जाएगी। 2062 में जनसंख्या में करीब 2.22 लाख लोग जुड़ेंगे। 2063 में देश में करीब 1.15 लाख लोगों की मौत होगी। 2064 में यह आंकड़ा 4.37 लाख होगा और 2065 में 7.93 लाख होगा।

आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने भी की लोगों से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील

UN की रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भी लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने को कहा था। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बूढ़ी होती जनसंख्या को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि उनकी सरकार बड़े परिवारों को प्रोत्साहन देने और पुराने जनसंख्या रोधी उपायों को पलटने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रही है।

उन्होंने कहा कि बुजुर्ग आबादी में बढ़ोतरी के चलते राज्य की इकोनॉमी पर बोझ पड़ सकता है, जैसा कि जापान, चीन और यूरोप के कई हिस्सों में हो रहा है, जहां युवाओं से ज्यादा बुजुर्गों की संख्या है। नायडू ने यह भी कहा कि दक्षिणी राज्यों में प्रजनन दर 1.6 हो गई है, जो राष्ट्रीय औसत 2.1 से कम है।

वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी राज्य के लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने को कहा। चेन्नई में एक शादी समारोह में उन्होंने कहा कि लोगों को 16 तरह के धन का संचय करने की जगह 16 बच्चे पैदा करने पर ध्यान देना चाहिए।

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