नई दिल्ली : राजनीति बदलते ही IAS और IPS अधिकारियों की रणनीति भी बदल जाती है। यह सत्ता का भी नियम है और सरकार का भी लेकिन इस बार तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) सुप्रीमो एन चंद्रबाबू इन बड़े बाबूओं को बख्सने के मूड में नहीं दिखाई दे रहे हैं। आसार तो कुछ इस तरह से हैं दिखाई दे रहे हैं कि अब सबका हिसाब होगा। तेदेपा के कई नेताओं को गिरफ्तार कर वाईएसआरसीपी के कट्टर वफादार के रूप में चर्चित रहे वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारी अब अपने भविष्य को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे हैं।
इसका लक्षण अब परिलक्षित भी होने लगा है। नायडू के यहां उंडावल्ली स्थित आवास पर गुरुवार को बड़ी संख्या में वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारी और वरिष्ठ नेता उनसे मुलाकात करने पहुंचे लेकिन उन्होंने कई अधिकारियों से मिलने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने हाल ही में सेवानिवृत्त हुए अतिरिक्त डीजीपी एबी वेंकटेश्वर राव से मुलाकात की। वह छह दिन पहले ही अपने पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) पीएसआर अंजनेयुलु शिष्टाचार के तौर पर नायडू से मुलाकात के लिए आवास पर गए लेकिन आवास पर तैनात सुरक्षा अधिकारियेां ने उन्हें बैरग लौटा दिया। उन्हें तेदेपा प्रमुख ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया था। इसके बाद अंजनेयुलु को वहां से लौटना पड़ा। कई वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों ने नायडू से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बात करने में अनिच्छा जताई।

जिसने किया था गिरफ्तार, वह भी पहुंचा दरबार

तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू से मिलने के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और आईजीपी कोल्ली रघुरामी रेड्डी भी आवास पहुंच। एसआईडी प्रमुख के तौर पर चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास मामले में गिरफ्तार किया था। इनसे भी चंद्रबाबू नायडू ने मिलना पसंद नहीं किया और उन्हें वापस जाना पड़ा। गौरतलब है कि टीडीपी सरकार की आहट के साथ ही रेड्डी को सभी पदों से हटा बुधवार से मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश जारी कर दिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

banner