• राज्य में 100 गांव ऐसे जिनकी चकबंदी नहीं हुई, इसके लिए भी योजना तैयार की जा रही : मनोहर लाल

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में पारिवारिक जमीनों के बंटवारे के झगड़े के निपटान हेतू जल्द ही नया कानून लेकर आने वाले हैं, ताकि वर्षों तक अदालतों में ज़मीनों के बंटवारे के झगड़े लंबित न रहें। इसके अलावा, राज्य में लगभग 100 गांव ऐसे हैं, जिनकी चकबंदी नहीं हुई है। इसके लिए भी एक वैज्ञानिक तरीके से चकबंदी करवाने की योजना तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री सोमवार को चंडीगढ़ में देर रात एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम की तर्ज पर प्रदेश के अन्य जिलों को भी औद्योगिक व आर्थिक रूप से विकसित करने पर बल दिया जा रहा है। गुरुग्राम आज एक ग्लोबल सिटी और आईटी हब बन चुका है। दुनिया की 400 फॉर्च्यून कंपनियों के ऑफिस गुरुग्राम में हैं। इसी प्रकार फरीदाबाद जिला भी अब आगे बढ़ रहा है। जेवर एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी होने से यहां औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हो रही है। इतना ही नहीं, हिसार में एयरपोर्ट शुरू होने से उस जिले में और अधिक प्रगति होगी।

उन्होंने कहा कि पंचकूला जिला भी एक सेंट्रल लोकेशन पर है। चंडीगढ़ एयरपोर्ट का फायदा भी मिलता है। इसलिए सरकार ने जिले में विकास को बढ़ावा देने के लिए डेवलपर को आकर्षित करने के लिए ईडीसी /एडीसी की दरें कम की हैं। अब डेवलपर निवेश कर रहे हैं और जल्द ही पंचकूला भी एक आर्थिक राजधानी के रूप में उभरेगा।

आम जन मानस की परेशानी को दूर करना ही उद्देश्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जन मानस की परेशानी को दूर करना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। इसलिए हम नई नई तकनीक का प्रयोग करते हैं और हमें सफलता मिलती है। आज परिवार पहचान पत्र के माध्यम से लोगों को राशन कार्ड, पेंशन, आयुष्मान व चिरायु हरियाणा योजना इत्यादि का लाभ घर बैठे ही मिल रहा है। इसलिए हमनें पीपिपी को नई परिभाषा दी है। पीपीपी यानी परमानेंट प्रोटेक्शन ऑफ पुअर पीपल।

उन्होंने कहा कि नागरिकों की तकलीफों को और करीब से समझने के लिए अभी जन संवाद कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसका मुख्य उद्देश्य सरकारी योजनाओं का लाभ धरातल पर कितना पहुंच रहा है, इसका मूल्यांकन करना हैं। जनसंवाद के दौरान लोगों ने राज्य सरकार की योजनाओं और पारदर्शी व्यवस्था पर सहमति जताई है कि यह सब व्यवस्थाएं ठीक हैं। लोगों ने बताया है कि पहले उन्हें नौकरी के एक पैसे देने पड़ते थे, लेकिन हमारी सरकार ने पर्ची खर्ची सिस्टम को बंद किया और मेरिट पर सबको नौकरियां मिल रही हैं। इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी से कर्मचारियों को भी बड़ी राहत पहुंची है।

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