नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मुख्य न्यायधीश समेत अन्य न्यायधीशों की संपत्ति ब्यौरा सार्वजनिक कर दिया गया है। इस तरह अब अब वर्तमान CJI समेत भारत के भावी CJI की संपत्ति पब्लिक डोमेन में है। सोमवार रात सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर 33 में से 21 न्यायाधीशों की संपत्ति सूचीबद्ध की गई। घोषित विवरण में व्यक्तिगत होल्डिंग्स के विवरण के अलावा, जीवनसाथी और आश्रितों की संपत्ति भी शामिल है।
CJI संजीव खन्ना के पास इतनी है संपत्ति :
भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के पास सावधि जमा और बैंक खातों में 55.75 लाख रुपये और सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) में 1.06 करोड़ रुपये हैं।
जमीन की बात करें तो सीजेआई संजीव खन्ना के पास साउथ दिल्ली में दो बेडरूम का डीडीए फ्लैट और कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में चार बेडरूम का फ्लैट है। गुरुग्राम में चार बेडरूम के फ्लैट में भी उनकी 56 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि उनकी बेटी के पास शेष 44 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में एक पैतृक घर में भी उनकी हिस्सेदारी है।
बीआर गवई की संपत्ति :
न्यायमूर्ति बीआर गवई, जो 14 मई को सीजेआई का पदभार संभालेंगे, उनके पास बैंक खातों में 19.63 लाख रुपये और उनके पीपीएफ खाते में 6.59 लाख रुपये हैं। सोमवार रात सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर यह जानकारी अपलोड की गई है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई को मुंबई और दिल्ली में आवासीय अपार्टमेंट के अलावा महाराष्ट्र के अमरावती में एक घर विरासत में मिला है। सूची के अनुसार, उन्हें अमरावती और नागपुर में कृषि भूमि भी विरासत में मिली है। उन्होंने 1.3 करोड़ रुपये की देनदारियों की भी घोषणा की है।
अन्य जज की संपत्ति :
24 मई को सेवानिवृत्त होने वाले न्यायमूर्ति एएस ओका की संपत्ति में पीपीएफ में 92.35 लाख रुपये, एफडी में 21.76 लाख रुपये, 2022 मॉडल की मारुति बलेनो कार और 5.1 लाख रुपये का कार लोन शामिल है।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने नोएडा में 2-बीएचके अपार्टमेंट, इलाहाबाद में एक बंगला और उत्तर प्रदेश में विरासत में मिली कृषि भूमि घोषित की है। उनके पास 1.5 करोड़ रुपये का निवेश भी है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत के पास चंडीगढ़, गुरुग्राम और दिल्ली में अपनी पत्नी के साथ संयुक्त रूप से आवासीय संपत्तियां हैं। उनके निवेश में ब्याज सहित 31 एफडी रसीदें शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 6.03 करोड़ रुपये है।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी के पास अहमदाबाद के गुलबाई टेकरा में दीप्ति बैंक ऑफ इंडिया सोसाइटी में एक घर है, इसके अलावा नीतिबाग जजेज कोऑपरेटिव सोसाइटी, अहमदाबाद में एक निर्माणाधीन घर है। उनके पास म्यूचुअल फंड में 60 लाख रुपये, पीपीएफ में 20 लाख रुपये के अलावा 50 लाख रुपये के आभूषण और 2015 की मारुति स्विफ्ट कार है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया के पास 2008 की मारुति जेन एस्टिलो कार है, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं है और देहरादून में बेकार पड़ी है। उनकी संपत्ति सूची में लिखा है कि “यहां बताई गई सभी अचल संपत्तियां मेरे न्यायाधीश बनने से पहले की हैं और इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई है”।
न्यायमूर्ति संजय कुमार के पास विस्तृत स्टॉक पोर्टफोलियो है। उनके शेयरों की सूची में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारती एयरटेल लिमिटेड, चोलामंडलम फाइनेंस लिमिटेड, एचसीएल इंफोसिस्टम्स लिमिटेड, एचसीएल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड, एनएमडीसी लिमिटेड, ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सोलारा एक्टिव फार्मा साइंसेज लिमिटेड, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, टाटा कम्युनिकेशंस लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड, टाटा मोटर्स लिमिटेड, टाटा स्टील, वेदांता लिमिटेड, जियो फाइनेंस लिमिटेड, विजया डायग्नोस्टिक सेंटर लिमिटेड, आईटीसी होटल्स और एनएमडीसी स्टील लिमिटेड शामिल हैं।
जस्टिस के वी विश्वनाथन, जो मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पदोन्नत होने तक एक सफल वकील थे, ने कुल 120.96 करोड़ रुपये का निवेश किया है और 2010-11 से 2024-25 तक 91.47 करोड़ रुपये का आयकर चुकाया है।