नई दिल्ली : कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है।संसद के बजट सत्र की कार्यवाही बाधित होने को लेकर सोनिया ने कहा कि चुप्पी से देश की समस्याएं हल नहीं होंगी। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं के भाषणों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया जाता है। सरकार ने बिना चर्चा के ही बजट को पास कर दिया जाता है। सोनिया ने एक समाचार पत्र में लिखे लेख में केंद्र की एजेंसियों का दुरुपयोग करने, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों के मामलों को लेकर कई मुद्दों पर मोदी सरकार पर निशाना साधा।
समाचार पत्र ‘द हिंदू’ में लिखे अपने एक लेख में सोनिया गांधी ने कहा कि लोकतंत्र के तीनों स्तंभों को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में हमने लोकतंत्र के तीनों स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त होते हुए देखा है। उदाहरण के तौर पर हाल ही में संसद की घटनाओं को देखा जा सकता है। सदस्यता खत्म कर दी जा रही है।
सोनिया ने अपने लेख में संसद में हुईं घटनाओं का जिक्र करते हुए कहाकि संसद सत्र में विपक्ष को मुद्दे उठाने से रोका गया। उन्होंने लिखा कि पिछले सत्र में हमने उस सरकारी रणनीति को देखा, जिसके तहत विपक्ष को बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, सामाजिक विभाजन, बजट और अडानी जैसे मुद्दे उठाने से रोका गया। भाषणों को हटाना, चर्चा को रोकना, संसद सदस्यों पर हमला करना और आखिर में कांग्रेस के एक सांसद को तेज गति से अयोग्य घोषित करार दे दिया गया। इसका नतीजा हुआ कि लोगों के 45 लाख करोड़ का बजट बिना किसी बहस के पास कर दिया गया।
सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले सरकार के कार्यों पर उठ रहे जायज सवाल पर चुप हैं। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी या महंगाई का जिक्र नहीं किया। बेरोजगारी का सामना कर रहे करोड़ों लोगों के संघर्ष में मदद नहीं कर सकती. किसानों की 2022 तक आय दोगुनी करने के अपने वादे पर विफल रहने के बाद प्रधानमंत्री ने आसानी से चुप्पी साध ली है।