दैनिक उजाला, स्पोर्ट्स डेस्क : विराट कोहली के बाद पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने भी विदेशी दौरे पर क्रिकेटर्स को परिवार साथ रखने देने की वकालत की है। वहीं BCCI के एक सूत्र ने कहा कि फैमिली को साथ रखने के नियम में नरमी बरती जा सकती है।
मंगलवार को दिल्ली में कपिल देव ग्रांट थॉर्नटन इनविटेशनल कार्यक्रम में उन्होंने कहा- हर किसी को परिवार की जरूरत होती है, खिलाड़ी खुद परिवार और टीम में संतुलन बनाएं।
भारत को 1983 वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान ने कहा-
ठीक है, मुझे नहीं पता, यह निजी मामला है। मुझे लगता है कि यह क्रिकेट बोर्ड का फैसला है। मेरे विचार में आपको परिवार की जरूरत है, लेकिन आपको हर समय टीम के साथ रहने की भी जरूरत है। हमारे जमाने में क्रिकेट बोर्ड नहीं, बल्कि हम खुद ही तय करते थे कि दौरे का पहला चरण क्रिकेट को समर्पित रहे। जबकि दूसरे चरण में परिवार के साथ रहने का आनंद लेना चाहिए। इसमें संतुलन होना चाहिए।
इससे पहले रविवार को विराट कोहली ने विदेश दौरे में परिवार को साथ रखने का समर्थन किया था।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया दौरे में मिली हार के बाद BCCI ने खिलाड़ियों के लिए सख्त नियम बनाए थे। इनमें विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों पर परिवार के साथ रहने की समय सीमा भी तय की गई थी। टीम के साथ खिलाड़ियों की बॉन्डिंग पर भी जोर दिया गया था।

चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान मोहम्मद शमी की मां फाइनल मैच देखने गई थीं। मुकाबले के बाद शमी की मां के पैर छूते विराट कोहली।
फैमिली से जुड़े BCCI के नियम
- 45 से अधिक दिन के दौरे में क्रिकेटर अधिकतम 14 दिन तक ही अपना परिवार साथ में रख सकते हैं।
- 45 दिन से कम अवधि के दौरे पर खिलाड़ी अधिकतम एक सप्ताह तक ही अपना परिवार साथ में रख सकते हैं।
चैंपियंस ट्रॉफी में टीम होटल में नहीं रुकी थी फैमिली
इसी महीने हुई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी जैसे खिलाड़ियों के परिवार भी दुबई में थे, लेकिन वे टीम होटल में नहीं ठहरे थे। परिवार का खर्चा BCCI ने नहीं, बल्कि खुद खिलाड़ियों ने उठाया था।

यह फोटो दुबई में चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया के जीत के बाद की है। भारतीय टीम की जीत के बाद कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा से बात करते हुए।
कोहली ने कहा था- मुश्किल दौर में खिलाड़ी के लिए परिवार अहम
2 दिन पहले 16 मार्च को भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने दौरों पर परिवारों की मौजूदगी की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें लगता है कि परिवार खिलाड़ियों के लिए संतुलन लाते हैं, जो मैदान पर मुश्किल दौर से गुजर रहे होते हैं।
कोहली ने कहा था- ‘खिलाड़ी मैदान से अपने कमरे में लौटकर अकेले और उदास नहीं बैठना चाहता। वह नॉर्मल होना चाहता है। इसी तरह से खिलाड़ी अपनी जिम्मेदारी यानी खेल को सही तरह से निभा सकता है।’