मैनपुरी। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यहां उपचुनाव हो रहा है। इसमें सपा की ओर से डिंपल यादव प्रत्याशी हैं तो भाजपा ने पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं बसपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी उतारने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही माना जा रहा है।
दोनों दल इन दिनों शाक्य मतदाताओं को लुभाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। भाजपा बीते कई चुनावों में शाक्य प्रत्याशी को उतारकर जीत के लिए प्रयोग करती आ रही है। लेकिन इसके बाद भी अब तक भाजपा ने कभी मैनपुरी लोकसभा सीट पर जीत का स्वाद नहीं चखा।
भाजपा के इसी दाव को चित करने के लिए सपा ने इस बार उपचुनाव से ठीक पहले पूर्व मंत्री आलोक शाक्य को जिलाध्यक्ष बनाकर ये दाव चित कर दिया। इसके बाद भाजपा ने इटावा निवासी पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य को ही मैदान में उतारा है। कहीं न कहीं शाक्य प्रत्याशी को उतारने के पीछे भाजपा का उद्देश्य भी शाक्य वोट हासिल करना है। विज्ञापन

सपा प्रत्याशी डिंपल यादव, भाजपा प्रत्याशी रघुराज शाक्य
इस बीच सपा और भाजपा अपने कोर वोट बैंक के साथ ही अन्य वोट बैंक को बिल्कुल नजरअंदाज किए हुए हैं। मतदाताओं की इस पर पैनी नजर है। अन्य में आने वाले मतदाताओं को इसका डर भी सता रहा है। हालांकि नामांकन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 18 से चुनाव प्रचार शुरू होगा, जिसमें दोनों दलों का नजरिया साफ हो जाएगा। लेकिन केवल शाक्य मतदाताओं को लुभाकर किसी की भी नैया पार होने वाली नहीं है।