प्रयागराज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के रूप में महाकुंभ की सफलता के लिए कुंभ कलश का पूजन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने महाकुंभ 2025 के लिए विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया। पीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महाकुंभ एकता का महाकुंभ है जो दुनिया को संदेश देगा। महाकुंभ हजारों वर्ष पहले से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीक है। एक ऐसा आयोजन है जहां हर बार धर्म, ज्ञान, भक्ति और कला का दिव्य समागम होता है।
संबोधन शुरू करने से पहले संगम की भूमि को किया प्रणाम
पीएम मोदी ने संगम को प्रणाम किया। यहां दिन रात काम कर रहे कर्मचारियों और सफाई कर्मियों का अभिनंदन करता हूं। विश्व का इतना बड़ा आयोजन हर रोज लाखों श्रद्धालुओं के स्वागत और सेवा की तैयारी लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ एक नया महानगर बसाने का महाभियान प्रयागराज की धरती पर नया इतिहास रचा जा रहा है।
मोदी ने कहा- संगम आकर संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान सब एक हो जाते हैं। जातियों का भेद खत्म हो जाता है। संप्रदायों का टकराव मिट जाता है। प्रयागराज वो स्थान है, जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते। इसलिए मैं कहता हूं कि ये महाकुंभ, एकता का महायज्ञ है। इसमें हर तरह के भेदभाव का आहुति दी जाती है।
इससे पहले, पीएम अरैल घाट से निषादराज क्रूज में सवार होकर संगम तट पर गए। यहां साधु-संतों से मुलाकात की। इसके बाद संगम नोज पर 30 मिनट गंगा पूजन किया। गंगा को चुनरी और दूध चढ़ाया। सेल्फी पॉइंट पर फोटो खिंचवाई।
इसके बाद पीएम ने अक्षयवट की परिक्रमा की। फिर लेटे हनुमान जी की आरती उतारी, भोग अर्पित किया। मोदी ने सरस्वती कूप में दूध डाला। हनुमान मंदिर कॉरिडोर के मॉडल को भी देखा।
पीएम के साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी रहे। पीएम का हेलिकॉप्टर सुबह साढ़े 11 बजे बमरौली एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। 3 घंटे तक पीएम यहां रुके। दोपहर ढाई बजे दिल्ली के रवाना हो गए।
दौरे की 4 तस्वीरें देखिए—

पीएम निषादराज क्रूज में बैठकर अरैल से संगम नोज पहुंचे।

पीएम मोदी ने सेल्फी पॉइंट पर फोटो खिंचवाई।

पीएम ने 30 मिनट तक गंगा पूजन किया।

पीएम मोदी और सीएम योगी ने अक्षयवट की परिक्रमा की।
AI चैट बॉट 11 भाषाओं में चैट करेगा
मोदी ने कहा- महाकुंभ 2025 जिस दौर में हो रहा है, वो टेक्नोलॉजी के मामले में पिछले आयोजनों से बहुत आगे है। AI चैट बॉट की शुरुआती की। AI चैट बॉट 11 भाषाओं में चैट करने में सक्षम है। महाकुंभ में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाए। महाकुंभ को एकता के महाकुंभ में फोटोग्राफी प्रतियोगिता की जा सकती है। किसी अन्य प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा सकता है।
पहले की सरकारों ने इसके महत्म पर ध्यान नहीं दिया

मोदी ने कहा- कुंभ और धार्मिक यात्राओं का इतना बड़ा महत्व होने के बावजूद पहले की सरकारों ने इसके महत्म पर ध्यान नहीं दिया। श्रद्धालु ऐसे आयोजनों में कष्ट उठाते रहे, लेकिन तब की सरकारों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। इसकी वजह थी कि भारतीय संस्कृति से उनका लगाव नहीं था। आज केंद्र और राज्य में भारत के प्रति आस्था और भारतीय संस्कृति को सम्मान देने वाली सरकार है।
केंद्र और राज्य ने मिलकर हजारों करोड़ की योजना शुरू की है। देश-दुनिया के कोने-कोने से महाकुंभ तक आने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए प्रयागराज की कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। भाजपा सरकार ने विकास के साथ विरासत को समृद्ध करने पर भी फोकस किया है। आज देश के अलग-अलग सर्किट विकसित किए जा रहे हैं।
महाकुंभ हजारों वर्ष पहले से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीक है। एक ऐसा आयोजन है, जहां हर बार धर्म, ज्ञान, भक्ति और कला का दिव्य समागम होता है।