नई दिल्ली : बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के नए नियम से बीमाधारकों को फायदा मिलेगा। मेडिकल क्लेम के लिए अब अस्पताल में 24 घंटे भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इरडा के नए नियम के अनुसार अस्पताल में 24 घंटे भर्ती हुए बगैर भी अब मेडिकल क्लेम लिया जा सकेगा। इसके लिए बीमा कंपनियों को अलग से प्रावधान करना होगा। यह क्लेम डे-केयर ट्रीटमेंट के तहत लिया जा सकेगा। इस नियम से बीमाधारकों को काफी सुविधा होगी।

बीमा नियामक इरडा ने अस्पताल में भर्ती होने को लेकर परिभाषा स्पष्ट करते हुए नियमों में डे-केयर नाम से नई टर्म जोड़ी है। इसके तहत ऐसे इलाज आएंगे, जिसमें कोई सर्जरी 24 घंटे के अंदर पूरी होती हो या उसमें एनस्थीसिया का इस्तेमाल होने जैसी कंडीशन शामिल हो। ऐसे मामलों में 24 घंटे अस्पताल में भर्ती होना जरूरी नहीं होगा। हाल ही गुजरात की उपभोक्ता अदालत ने 24 घंटे अस्पताल में भर्ती नहीं होने के मामले में बीमा कंपनी के खिलाफ फैसला सुनाया था। अब इरडा ने बाकायदा इस पर नियम बना दिया है।

इन इलाज में दी जाएगी छूट

जिन इलाज में 24 घंटे अस्पताल में बिताए बगैर क्लेम लिया जा सकेगा, उनमें टॉन्सिल का ऑपरेशन, कीमोथेरेपी, मोतियाबिंद का ऑपरेशन, साइनस का ऑपरेशन, रेडियोथेरेपी, हीमोडायलिसिस, कोरोनरी एंजियोग्राफी, स्किन ट्रांसप्लांटेशन और घुटनों का ऑपरेशन शामिल है। इस तरह के इलाज में 24 घंटे भर्ती होने की जरूरत नहीं होती।

क्लेम में ये खर्च नहीं होंगे शामिल

डे-केयर ट्रीटमेंट के तहत बीमा कंपनियां बिना 24 घंटे अस्पताल में बिताने वालों को क्लेम तो देंगी, लेकिन बीमाधारक को कुछ नुकसान भी उठाना होगा। नियम के तहत डॉक्टर की परामर्श फीस, टेस्ट, जांच के खर्च आदि शामिल नहीं किए जाएंगे। आउट पेशेंट केयर को भी इसी कैटेगरी में शामिल किया गया है।

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