भोपाल : मध्य प्रदेश में एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। रविवार सुबह श्योपुर जिले में जमकर पानी गिरा। सलवानिया बुखारी गांव में खेतों में काटकर रखी गई धान की फसल बह गई। किसान पानी से फसल को बचाने की जुगत करते रहे। भोपाल-इंदौर में शनिवार रात से ही रुक-रुककर बारिश हो रही है।
उज्जैन में रविवार सुबह करीब 4 बजे बारिश शुरू हो गई, 7:30 बजे तक हल्की बारिश का दौर चला।
धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में अगले 2 दिन तक तेज बारिश का अलर्ट है। इंदौर और उज्जैन में बूंदाबांदी होने का अनुमान है। प्रदेश के 24 जिलों में मौसम बदला रहेगा।
खरगोन में डेढ़, बैतूल में एक इंच पानी गिरा; भोपाल में रात को रिमझिम
मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 20 से ज्यादा जिलों में बारिश हो गई। खरगोन में सबसे ज्यादा डेढ़ इंच और बैतूल में एक इंच पानी गिरा। भोपाल में रातभर रिमझिम बरसात हुई। उज्जैन और सागर में पौन इंच, मंडला और बालाघाट में भी आधा इंच पानी गिरा। दमोह, जबलपुर, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, शाजापुर, पांढुर्णा, धार, नर्मदापुरम, इंदौर, खंडवा, पचमढ़ी, रायसेन, श्योपुर, आगर-मालवा में भी बारिश रिकॉर्ड की गई।

श्योपुर के खेतों में रखा धान पानी में बह गया।

श्योपुर में किसान फसल बचाने के लिए खेतों से पानी निकालते रहे।

इंदौर में बारिश की वजह से सड़कों पर वाहनों की आवाजाही कम ही रही।

उज्जैन में सुबह से बादल-बारिश का मौसम बना रहा।
इन जिलों में सिस्टम का असर
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे के दौरान इंदौर संभाग के धार, बड़वानी, झाबुआ और अलीराजपुर में तेज बारिश हो सकती है। यहां ढाई से साढ़े 4 इंच तक पानी गिर सकता है। वहीं, इंदौर, उज्जैन, रतलाम, आगर-मालवा, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, देवास, शाजापुर, सीहोर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में हल्की बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट है।
29 अक्टूबर तक ऐसा ही मौसम
मौसम विभाग ने 27, 28 और 29 अक्टूबर तक बारिश, गरज-चमक और आंधी का अलर्ट जारी किया है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में असर देखने को मिलेगा।
बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिन से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिली थी। खासकर रात का तापमान 15 डिग्री तक पहुंच गया था, लेकिन अब तापमान बढ़ गया है। शनिवार को बारिश होने की वजह से कई शहरों में दिन के तापमान में गिरावट हुई है। बारिश का दौर थमने के बाद रात के तापमान में गिरावट होने का अनुमान है।
पूरे एमपी से विदा हो चुका मानसून, लेकिन बारिश का दौर जारी
मौसम विभाग के अनुसार, पूरे मध्य प्रदेश से मानसून विदा हो गया है। इस साल मानसून 3 महीने 28 दिन एक्टिव रहा। 16 जून को प्रदेश में मानसून की एंट्री हुई थी और 13 अक्टूबर को वापसी। इसके बाद भी प्रदेश में बारिश का दौर बना हुआ है।
इस बार प्रदेश में मानसून की ‘हैप्पी एंडिंग’ रही। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिले ऐसे रहे, जहां ‘बहुत ज्यादा’ बारिश दर्ज की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला गुना है। जहां पूरे सीजन में 65.7 इंच पानी गिर गया, जबकि श्योपुर में 216.3% बारिश हुई।
एक्सपर्ट की मानें तो अच्छी बारिश होने से न सिर्फ पेयजल बल्कि सिंचाई के लिए भी भरपूर पानी है। भू-जल स्तर भी बढ़ा रहेगा। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला है, जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) ही बारिश हुई है।
50 जिलों में मानसूनी बारिश का कोटा फुल
मानसूनी सीजन में मौसम विभाग ने प्रदेश में 106 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान जताया था, लेकिन 15 प्रतिशत पानी ज्यादा गिर गया। ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में दोगुनी बारिश हो गई। इंदौर, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर संभाग के 50 जिलों में कोटा फुल रहा। वहीं, भोपाल, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग के 4 जिले- उज्जैन, शाजापुर, बैतूल और सीहोर में 81.1 से 98.6 प्रतिशत बारिश हुई। इन जिलों में कोटा पूरा नहीं हो पाया।
हालांकि, इनमें से तीन जिले- उज्जैन, सीहोर और बैतूल में आंकड़ा 94% से ज्यादा ही है। इस वजह से ये सामान्य बारिश के आसपास ही है, लेकिन शाजापुर ‘बारिश की भारी कमी’ की कैटेगरी में है। यहां कोटे का 81 प्रतिशत पानी ही गिरा।

