बाराबंकी : बाराबंकी में बेकाबू अर्टिगा और ट्रक की आमने-सामने टक्कर हो गई। हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई है। इनमें ज्वेलर, उनकी पत्नी और उनके दो बेटे शामिल हैं। कार सवार बिठूर से गंगा स्नान करके लौट रहे थे।
हादसा इतना भयानक था कि 14 फीट की कार सिमटकर 7 फीट की हो गई। एयरबैग तक खुलने का मौका नहीं मिला। गाड़ी में आगे बैठे लोगों के शव सीट से चिपक गए। अगले हिस्से को काटकर शवों के टुकड़ों को निकाला गया। पीछे बैठे लोगों का हाल भी बहुत बुरा था।
हादसा सोमवार देर रात देवा में कुतलूपुर गांव के पास हुआ। शवों को पोस्टमॉर्टम हाउस से फतेहपुर कस्बे के मोहल्ला मुंशीगंज लाया गया। शवों देखकर फतेहपुर कस्बे के मोहल्ला मुंशीगंज में चीख-पुकार मच गई। महिलाएं रोते-रोत बेसुध हो गईं। थोड़ी देर बाद शवों को श्मशान घाट ले जाया गया, जहां पर चारों चिताएं बनाई गईं। जिसके बाद प्रदीप के छोटे भाईयों के परिवार ने चारों लोगों को मुखाग्नि दी।

श्मशान घाट पर प्रदीप और उनकी पत्नी व दोनों बेटों की चिताएं एक साथ जलीं।

ज्वेलर, उनकी पत्नी और दोनों बेटों के शव पहुंचे तो परिवार के लोगों में चीख पुकार मच गई।

परिवार के लोगों को रिश्तेदार संभालते रहे और खुद भी रोते रहे।

स्ट्रेचर पर सिर रखकर परिजन शव को देखते रहे और बिलखते रहे।

टक्कर इतनी भयानक थी कि अर्टिगा कार के आगे का हिस्सा पूरी तरह से खत्म हो गया।
मरने वालों की पहचान
प्रदीप रस्तोगी (60), उनकी पत्नी माधुरी (55), दोनों बेटे नितिन (35) और नैमिष उर्फ कृष्णा (15), ड्राइवर श्रीकांत शुक्ला (50) और बालाजी मिश्रा (55) के रूप में हुई है। 2 घायलों इंद्र कुमार (50) और विष्णु (15) को लखनऊ लाया गया था, जहां मंगलवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई।
बालाजी मिश्रा और विष्णु पिता-पुत्र हैं। प्रदीप फतेहपुर कस्बे के मोहल्ला मुंशी गंज में ‘गौरी ज्वेलर्स’ के नाम से दुकान चलाते थे। हादसे के बाद उनके घर में कोई नहीं बचा है।
छोटे भाई के बेटे ने दी मुखाग्नि
प्रदीप रस्तोगी के छोटे भाई अनिल के बेटे शुभम ने प्रदीप और उनकी पत्नी माधुरी व दोनों बेटों की चिता को मुखाग्नि दी।
जिस घर को दिवाली पर झालरों से सजाया, वहां से उठी लाशें

प्रदीप का घर दिवाली पर रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था।
ज्वेलर कारोबारी प्रदीप के दोनों बेटे नितिन और नैमिष उर्फ कृष्णा ने दिवाली पर घर को रंग बिरंगी झालरों से सजाया था। अभी वो झालरें भी नहीं हटाई गई थीं कि हादसा हो गया। अब उसी घर से मां पिता और दोनों बेटों की लाश उठी। आसपास के लोग कहने लगे कि जिस घर को बेटों ने सजाया था अब वहां कोई दीपक जलाने वाला नहीं बचा।
धनतेरस पर खरीदी गई थी गाड़ी

हादसे के बाद अर्टिगा कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से पिच्चा हो गया। बुलडोजर से खींचकर लाया गया।
जिस अर्टिगा कार से परिवार बिठूर गया था। वो फतेहपुर कस्बे के ही एक गुप्ता फैमिली ने इसी धनतेरस पर खरीदी थी। अभी कार पर नंबर भी नहीं पड़ा था।
हादसे के समय बम जैसा धमाका हुआ
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रक की रफ्तार काफी तेज थी। सामने से आ रही अर्टिगा का ड्राइवर गाड़ी को संभाल नहीं पाया। गाड़ी सीधे ट्रक से टकरा गई। हादसे के समय ऐसा लगा जैसे कोई भयानक बम फटा हो। इतनी तेज आवाज आई कि लोग दहशत में आ गए।
गाड़ी में बैठे 8 लोगों में से 6 की मौके पर मौत हो गई। एक किशोर गाड़ी से छिटक कर दूर जा गिरा, जिसकी वजह से उसकी जान बच गई। मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने लोगों की मदद से आधे घंटे की मशक्कत के बाद सभी को कार से बाहर निकाला।
इसके बाद उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां से गंभीर रूप से घायल इंद्र कुमार (50) और विष्णु (15) को लखनऊ रेफर कर दिया गया। वहां इलाज के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया। हादसे के बाद जाम लग गया था। पुलिस ने जेसीबी बुलवाकर कार और ट्रक को हटवाया।
14 फीट की कार सिमटकर 7 फीट रह गई

टक्कर इतनी भयानक थी कि आगे का हिस्सा पूरी तरह से खत्म हो गया।
हादसा इतना भयानक था कि 14 फीट की कार सिमटकर 7 फीट की हो गई। एयरबैग तक खुलने का मौका नहीं मिला। गाड़ी में आगे बैठे लोगों के शव सीट से चिपक गए। अगले हिस्से को काटकर शवों के टुकड़ों को निकाला गया।
पीछे बैठे लोगों का हाल भी बहुत बुरा था। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस पहुंची और घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया। हादसा सोमवार देर रात देवा में कुतलूपुर गांव के पास हुआ।

