- हजारों लोग दुगना पैसा होने के लालच में फंसे, दे बैठे लाखों, सभी अकाउंट पर फ्रेसेनियस ने लगाया रिस्क अकाउंट
- मंजू रामा नामक किसी व्यक्ति ने फ्रेसेनियस नामक कंपनी बनाकर लोगों को दुगना पैसा देने का दिया प्रलोभन, फंसे हजारों लोग
दैनिक उजाला डेस्क, मथुरा: बीते कई माह से डिजिटल प्लेटफार्म पर अपना काला सच बिखेरने में कामयाब रही फ्रेसेनियस नामक एक कंपनी ने हजारों लोगों को लाखों का चूना लगाया है। गत रात्रि हजारों लोगों के अकाउंट रिस्क में लगाकर अब फिर से दुगना पैसा वापस करने के नाम करीब 7 हजार रूपये की मांग की गई है। लोगों ने पुलिस प्रशासन से ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है।
बताया हुआ नाम मंजू रामा नामक किसी व्यक्ति/महिला ने बीते माह से एक डिजिटल प्लेटफार्म पर लोगों की आंखों में धूल झौंककर उन्हें दुगने पैसा देने का वादा कर एक ‘एफएसयूएस मटेरियल‘ नामक पोर्टल https://fsusmaterial.com/index/account/index.html तैयार किया। इस पोर्टल पर लोगों को प्रलोभन दिया गया कि और तमाम ऑफर के माध्यम से अवगत कराया गया कि 4 हजार, 5 हजार या इससे अधिक रूपये लगाने वाले व्यक्ति को 7 गुना पैसा मिलेगा। लाखों रूपये के ऑफर भी जारी किए गए। जैसे 1 लाख से अधिक रूपये लगाने वाले व्यक्ति को 10 लाख से अधिक रूपये मिलेंगे। यानि प्रतिदिन 25 से 30 हजार रूपये मिलेंगे।

मंजू रामा नामक ने वाट्सएप गु्रप पर ऐसा प्रलोभन दिया कि अगर किसी भी व्यक्ति आरामदायक जिंदगी जीनी है, तो वह फ्रेसेनियस के साथ जुड़ सकता है। लोगों को 7 गुना मिलने का वादा अच्छा लगा तो, हजारों लोग इस कंपनी से जुड़ गए। इसके बाद क्या हुआ, जो कि आपको भी चैंका देगा। हजारों लोगों ने हजारों रूपये से लेकर लाखों रूपये लगाने तक खेल-खेल दिया।
खेलें भी क्यों न ? क्योंकि मंजू रामा नामक मोबाइल नंबर 94352 24956 ने लोगों को वाट्सएप गु्रप पर कई तरीके से हजारों लोगों को अपने प्रलोभन यानि जाल में ऐसा फंसा दिया कि वह कुछ समझ नहीं पाये और फ्रेसेनियस में लाखों लगा बैठे।
वाट्सएप ग्रुप भी बंद
मंजू रामा नामक ने वाट्सएप ग्रुप को बिल्कुल बंद कर दिया है, यानि उस पर सिर्फ मंजू रामा नामक ही मैसेज कर सकती है। लोगों अपना दुखड़ा न रोयें, इसलिए उस गु्रप को बंद कर दिया है। यानि लोगों को अपनी बात भी रखने की इजाजत नहीं दी जा रही है। इसका मतलब साफ नजर आता है कि फ्रेसेनियस नामक कंपनी ने हजारों लोगांे को लाखों का चूना लगाया है।
आखिर एकाउंट सिक्याॅरिटी की क्या जरूरत
जब लोगों को फ्रसेनियस ने जोड़ दिया, उसके बाद जोड़ते समय फ्रेसेनियस ने मोबाइल नंबर भी वेरीफाई करने के लिए बतौर ओटीपी कार्य किया। जो लोग पहले से जुडे़ हुए हैं उनके खाते में पैसे जा ही रहे थे, तो फिर अब गत रात्रि को एकाउंट सिक्याॅरिटी देने की क्या जरूरत पड़ी ? उस पर भी 7 हजार रूपये लेना, ये कौन सा नियम है ?

लोग झांसे में न आयें
जो लोग इस फ्रेसेनियस से पीड़ित हैं उनका कहना है कि लोग अब झांसे में न आयें और न ही किसी को सिक्याॅरिटी राशि दें। बैंक अकाउंट पहले से वेरीफाई होते हैं, क्योंकि बैंक में पहले से ही आधार और पैन लगे होते। 7 हजार रूपये ऐंठने का ये फे्रेसेनियस ने एक नया नियम निकाला है।
लोगों का पैसा वापस दें
रिस्क अकाउंट वाले लोगों ने कहा है कि हमें कोई अपना सिक्याॅर अकाउंट कराने की जरूरत नहीं है और न ही हमें 7 गुने पैसे की कोई जरूरत है। फ्रेसेनियस नामक और मंजू रामा नामक हमें हमारे लगाए हुए पैसे ही वापस करे।