- दाऊजी महाराज के जन्मोत्सव पर निकली भव्य शोभायात्रा के बाद महारास को देखने उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
दैनिक उजाला, बलदेव : भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में गोपियों के साथ को जो लीलाएं कीं वह आज भी ब्रज के कण-कण में समाहित हैं। गोपियों का वह मनमोहक दृश्य आज भी उस चेहरे पर छाया हुआ देखा जा सकता है, जो गुजरे सैकड़ों वर्ष पहले था। ऐसा ही कुछ एहसास बलदाऊजी जन्मोत्सव के अवसर पर आयोजित महारास में देखा गया। चरकुला नृत्य ने सभी का मन मोहा, तो राधा-कृष्ण और गोपिकाओं की लीलाओं ने वह छाप छोड़ी, जिससे द्वापर युग नजर आया।

बलदाऊजी के जन्मोत्सव पर पूरा दिन आनंदमयी रहा। दूर-दराज से आये हुए श्रद्धालुओं को ब्रज के राजा की छीछी को बतौर प्रसादी मानकर अपने मस्तक से लगाया और अपने आपको धन्य महसूस किया। मंदिर प्रांगण तड़के सुबह से लेकर देर रात तक सांस्कृतिक और दिव्य आयोजनों ने समूचे ब्रज को आनंदित कर दिया। जन्मोत्सव के बाद नंदोत्सव आयोजित हुआ। इसके तत्पश्चात शाम 5 बजे से भव्य शोभायात्रा निकाली गयी, जो कि नगर विभिन्न मार्गों से होकर गुजरी। समाज की महिलाओं ने विशेष परिधान में अपने सिर पर कलश रखकर नगर परिक्रमा की। इनके पीछे चल रही मनमोहक झांकियों ने नगरवासियों का मन मोह लिया।

इसके बाद दिन ढ़लते ही महारास का आयोजन हुआ। महारास में गोपियों ने चरकुला नृत्य की ऐसी आभा बिखेरी की दर्शक भी मंत्रमुग्ध हो गए। इसके बाद गोप-गोपियों ने एक के बाद एक राधा-कृष्ण की लीलाओं का मंचन किया। इससे द्वापर की लीलाएं जीवंत हो उठीं। समूचा महारास प्रांगण तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो उठा।
