आगरा : आगरा में दयालबाग तहसील अधिकारियों के मुताबिक, सत्संग सभा का दयालबाग के इलाके में करीब 10 हेक्टेयर भूमि पर अवैध कब्जा है। इस कब्जाई गई भूमि की सरकारी कीमत तकरीबन 96 करोड़ रुपये आंकी गई है। शनिवार को प्रशासन ने जमीन कब्जामुक्त कराने का प्रयास किया। इस दौरान वहां सत्संग सभा के अनुयायियों की भारी भीड़ जमा हो गई। बलवा और विरोध की आशंका के चलते प्रशासन ने मौके पर कई थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी बुला ली। इस दौरान पूरा दयालबाग क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया। इसके बाद प्रशासन ने सत्संग सभा परिसर के छह गेट बुलडोजर से तोड़ दिए। इसके बाद टीम दोबारा कब्जा न करने की चेतावनी देकर वहां से चली गई। उधर, पुलिस हटते ही सत्संग सभा के अनुयायियों ने तोड़े गए परिसर में फिर से तारबंदी कर दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान सत्संग सभा के लोगों ने काफी बवाल भी काटा।

सत्संग सभा के फिर कब्जा करने की सूचना पर रविवार को अधिकारी फिर मौके पर पहुंचे। यहां उन्होंने जैसे ही जेसीबी से तार और गेट गिराने की कवायद शुरू की। सत्संग सभा के अनुयायी पुलिस और प्रशासन के सामने आ गए। इस दौरान दयालबाग में राधास्वामी सत्संग सभा में रविवार शाम बड़ा बवाल हो गया। यहां पुलिस और पीएसी फोर्स के सामने राधा स्वामियों ने डंडों के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान डीसीपी और एसीपी को धक्का देकर तारों पर गिरा दिया गया। इसमें सत्संगी, पुलिसकर्मी समेत 10 लोगों के घायल होने की जानकारी है।
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सत्संगियों को लाठियां लेकर खदेड़ दिया। दोनों ओर से बड़े टकराव के हालात बने हुए हैं। पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं। जानकारी के अनुसार शनिवार को दयालबाग में प्रशासन की कार्रवाई के बाद सत्संगियों ने दोबारा गेट बना लिया था। रविवार को बनाया गया गेट दोबारा ढहाने पहुंचे पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से सत्संगी भिड़ गए। उनकी ओर की महिलाएं बुलडोजर पर चढ़ गई। पुलिस पर पथराव भी किया गया।

सत्संगियों की भीड़ को देखते हुए और फोर्स बुलाई गई है। इस समय हालात इतने खराब है कि 5 साल के बच्चे तक हाथ में पत्थर लेकर खड़े हैं, छत से फेंक रहे हैं। दरअसल, शनिवार को प्रशासन ने सरकारी भूमि और रास्तों पर किए गए अवैध कब्जे पर बुलडोजर चला दिया था। पुलिस पर पथराव भी किया गया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सत्संगियों को लाठियां लेकर खदेड़ दिया।
सात साल पहले मथुरा के जवाहर बाग में कब्जा हटाने को लेकर प्रशासन से संघर्ष हुआ था। सत्संग सभा दयालबाग के कब्जे से रास्ते और खेल के मैदान मुक्त कराने को लेकर भी वैसे ही टकराव की स्थिति बन सकती है। इसकी वजह है कि सत्संग सभा प्रशासन के हटते ही कब्जा कर लेती है। प्रशासन एक बार फिर कार्रवाई की तैयारी में है। वहीं सत्संग सभा के तेवर भी तीखे हैं।
मथुरा के जवाहर बाग में वर्ष 2014 में रामवृक्ष यादव के संगठन स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह को दो दिन के लिए प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी। इसके बाद रामवृक्ष के संगठन ने पार्क में कब्जा कर लिया। यहां उनकी अलग सरकार चलती थी। झोपड़ियां बनाकर कथित सत्याग्रही रहने लगे। इसके बाद प्रशासन ने जब दो जून 2016 को इसे खाली कराने की कोशिश की तो संघर्ष हो गया। इस कांड में कुल 29 लोग मारे गए थे. हिंसा के दौरान तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसएचओ संतोष यादव की भी हत्या कर दी गई थी। दयालबाग क्षेत्र के आसपास के गांवों के लोगों का कहना है कि अब दयालबाग क्षेत्र में भी ऐसी ही स्थिति बनती जा रही है। सत्संग सभा अपना कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं है। यहां वे अपनी सरकार अपने तरीके से चलाते हैं। यहां भी जवाहर बाग जैसे हालात बनते जा रहे हैं।