• कुलपतियों की कंसलटेटिव मीटिंग में बोले हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़ : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि विश्वविद्यालयों और उद्योग के बीच समन्वय बहुत जरूरी है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा किए गए प्रयास इस दिशा में आदर्श उदाहरण हैं । विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रम और पढ़ाई के तौर-तरीकों में बदलाव कर उसे और अधिक व्यवहारिक बनाना होगा, ताकि सामाजिक उत्थान में उनकी भागीदारी बढ़े। ज्ञान आधारित शिक्षा लोगों के रोजमर्रा के व्यवहार में आए ताकि वह उसे अपने व्यवसाय के रूप में अपना सकें।

दुष्यंत चौटाला बृहस्पतिवार को पलवल में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के तत्वावधान में आयोजित आरपीएल पर आधारित एक दिवसीय कंसलटेटिव मीटिंग में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इसमें प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। श्री विश्वकर्मा कौशल विद्यालय पहुंचने पर कुलपति राज नेहरू ने उप मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

इस मौके पर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रिकॉग्निशन ऑफ हायर लर्निंग (आरपीएल) की शुरुआत करने पर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए दूसरे विश्वविद्यालयों को भी इसका अनुसरण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक कोर्स के अतिरिक्त पाठ्यक्रम को अब कौशल की ओर मोड़ना होगा, ताकि कोर्सों को रोजगारपरक बनाया जा सके। कौशल के माध्यम से जितना हम अर्जित करेंगे, उतना ही हम समाज और देश के लिए बेहतर काम कर पाएंगे।

दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश सरकार की 9 नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं को कौशल के माध्यम से इन योजनाओं के साथ जोड़ा जाए और सरकार पदमा योजना के अंतर्गत हर तरह की सहायता करने के लिए तैयार है।

हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर बृजकिशोर कुठियाला ने आरपीएल की अवधारणा से लेकर उसके विकास का पूरा उल्लेख करते हुए इसे समय की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि समाज में सीखने और सिखाने की परंपरा का महत्व है और समाज अध्यापकों पर अटूट विश्वास रखता है। इसलिए शिक्षक वर्ग का यह कर्तव्य है कि वह अपने यहां आने वाले विद्यार्थियों को भविष्य के हिसाब से समाज और देश के लिए तैयार करे।

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय आरपीएल लागू करेंगे तो हम उनके लिए हर तरह के सहयोग के लिए तैयार हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने आरपीएल के कई मानक और पाठ्यक्रम तैयार किए हैं यह सब दूसरे विश्वविद्यालयों के लिए भी उपयोगी साबित होगा। कुलपति श्री राज नेहरू ने प्रदेशभर से आए सभी कुलपतियों को आरपीएल की बारीकियों से अवगत करवाया और भविष्य में इसके उपयोग तथा फायदे भी बताए।

इस अवसर पर हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. कैलाश चंद शर्मा,चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक, गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश अग्रवाल, चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. रणपाल, इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. जेपी यादव, जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसके तोमर, बीआर अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. अर्चना मिश्रा व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन प्रो. सुनील ढींगरा भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *