जयपुर : विधानसभा ने बुधवार को प्रदेश के 133 अप्रासंगिक कानूनों को वापस लेने के लिए राज्य सरकार की ओर से पेश राजस्थान विधियां निरसन विधेयक -2023 को पारित कर दिया। विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि इससे पूर्व भी चार बार कई कानूनों को वापस लिया गया। संशोधन के लिए लाए गए कानूनों को वापस लिए जाने से मूल कानून की भावना प्रभावित नहीं होती है, क्योंकि जिस उद्देश्य से ये अधिनियम या संशोधन लाए गए थे वे पूरे हो चुके हैं।

धारीवाल बुधवार को विधानसभा में राजस्थान विधियां निरसन विधेयक -2023 पर हुई चर्चा के बाद जवाब दे रहे थे। संयम लोढ़ा ने विधेयक पर बहस के दौरान कहा कि जनघो्षणा पत्र में अप्रासंगिक कानूनों को वापस लेने के लिए विधि आयोग बनाने की बात कही गई थी, लेकिन सरकार ने इसका गठन क्यों नहीं किया। जो कमेटी बनाई गई थी, उसने भी 296 कानूनों को वापस लेने की सिफारिश की थी, फिर 133 को ही वापस क्यों लिया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी अप्रासंगिक कानूनों की समीक्षा के लिए स्थाई आयोग बनाने की घोषणा पूरी नहीं किए जाने पर सवाल उठाया।

इसके जवाब में विधि मंत्री धारीवाल ने बताया कि वरिष्ठ मंत्री बी डी कल्ला की मंत्रिमंडलीय कमेटी बनाई गई थी, जिसने आयोग के बजाय विधि विभाग के कानून बनाने वाले अधिकारियों की कमेटी बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि 296 कानूनों को वापस लेने की सिफारिश थी, लेकिन परीक्षण के बाद 133 को ही वापस लेना उचित माना गया। नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने यह भी सवाल उठाया कि कानून बनता है उसी सत्र में संशोधन के लिए विधेयक आ जाता है, क्योंकि एसी कमरों में बैठकर विधेयक बनाए जाते हैं।

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