भोपाल : मध्यप्रदेश की आदिवासी मंत्री संपतिया उईके पर 1000 करोड़ रुपए कमीशन लेने के आरोप लगे हैं। इस पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग ने अपने ही विभाग की मंत्री के खिलाफ जांच बैठा दी है। प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान ने जांच के आदेश प्रधानमंत्री से की गई शिकायत और केंद्र की ओर से मांगी गई रिपोर्ट के बाद दिए हैं।

प्रमुख अभियंता कार्यालय ने सभी मुख्य अभियंता पीएचई और परियोजना निदेशक मप्र जल निगम को इस मामले में चिट्ठी लिखकर सात दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। हालांकि जांच के आदेश को लेकर प्रमुख अभियंता संजय अंधवान कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

निर्देश में कहा गया है कि भारत सरकार ने राज्य के जल जीवन मिशन को दिए 30 हजार करोड़ के खर्च की जांच करने को कहा है। साथ ही पीएचई मंत्री संपतिया उईके और उनके लिए पैसा जमा करने वाले मंडला के कार्यपालन यंत्री की संपत्तियों की जांच के निर्देश दिए हैं।

जांच के आदेश की कॉपी

प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान के जांच के आदेश की कॉपी।

प्रमुख अभियंता (ईएनसी) संजय अंधवान के जांच के आदेश की कॉपी।

पूर्व विधायक किशोर समरीते ने शिकायत की

यह शिकायत पूर्व विधायक किशोर समरीते ने की है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम 12 अप्रैल 2025 को शिकायती पत्र भेजा था। जिसमें कहा गया कि एमपी में जल जीवन मिशन के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिए गए 30 हजार करोड़ में मंत्री संपतिया उइके ने एक हजार करोड़ रुपए कमीशन लिया है।

शिकायत में पूर्व ईएनसी बीके सोनगरिया पर भी आरोप है कि उन्होंने अपने अकाउंटेंट महेंद्र खरे के जरिए कमीशन लिया है। यह राशि 2000 करोड़ है।

बैतूल कार्यपालन यंत्री ने बिना काम 150 करोड़ निकाले

इसी तरह पीआईयू, जल निगम के डायरेक्टर जनरल और इंजीनियरों ने एक-एक हजार करोड़ का कमीशन लिया है। बैतूल के कार्यपालन यंत्री ने 150 करोड़ रुपए बिना काम कराए ही शासन के खाते से निकाल लिए हैं।

यही हाल छिंदवाड़ा और बालाघाट का भी है। मुख्य अभियंता मैकेनिकल द्वारा 2200 टेंडरों पर काम नहीं कराया गया और राशि निकाल ली गई। समरीते ने आरोप लगाया है कि सात हजार काम पूरे होने के फर्जी प्रमाण पत्र भी एमपी से केंद्र सरकार को भेजे गए हैं, जिसकी सीबीआई जांच कराई जानी चाहिए। यह घोटाला देश के बड़े घोटालों में निकलकर आएगा।

समरीते बोले- कार्यपालन यंत्रियों के जरिए वसूली हुई

समरीते ने कहा कि प्रधानमंत्री से शिकायत की है जिसके बाद जांच के निर्देश जारी हुए हैं। उन्होंने मंत्री संपतिया उईके पर कार्यपालन यंत्रियों के जरिए कमीशन लेने की बात कही है।

इसके लिए राजगढ़ में पदस्थ रहे कार्यपालन यंत्री जो अब बैतूल आ गए हैं, उन्हें और मंडला के कार्यपालन यंत्री को मंत्री के लिए वसूली करने वाला बताया है।

मंत्री से संपर्क नहीं, प्रमुख अभियंता बोले- मामला समझ रहा हूं इस मामले में प्रमुख अभियंता संजय अंधवान ने सिर्फ इतना ही कहा है कि वे इस मामले को समझ रहे हैं। वहीं पीएचई मंत्री संपतिया उईके से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, पर उनसे बात नहीं हो पाई।

जांच में आरोप को तथ्यहीन और मनगढ़ंत बताया गया

जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी बालाघाट ने जल जीवन मिशन को लेकर मिली शिकायत पर जांच के बाद बताया कि शिकायतकर्ता किशोर समरीते के लगाए आरोप तथ्यहीन, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण हैं। शिकायत में कोई भी साक्ष्य नहीं किए गए थे, बल्कि सूचना के अधिकार के तहत विभागीय अधिकारी द्वारा पूर्व में भेजे गए पत्र को ही आधार बनाया गया।

प्रमुख अभियंता ने स्पष्ट किया कि बालाघाट खंड के कार्यपालन यंत्री ने शिकायतकर्ता को यह जानकारी दी गई थी कि जल जीवन मिशन के तहत किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। इसके बावजूद उन्हीं जानकारियों को तोड़-मरोड़कर सार्वजनिक शिकायत के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसमें कोई नया तथ्य या प्रमाण नहीं है।

प्रमुख अभियंता कार्यालय ने स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन की योजनाओं का क्रियान्वयन फील्ड स्तर पर किया जाता है। भुगतान भी स्थानीय खंड कार्यालय द्वारा माप पुस्तिका के सत्यापन के बाद होता है। ऐसे में प्रमुख अभियंता या उनके कार्यालय के कर्मचारी पर आरोप लगाना निरर्थक है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके पर भी जो आरोप लगाए गए हैं वे पूर्णतः असंगत हैं। मुख्य अभियंता (मैकेनिकल संकाय) द्वारा कोई निविदा जारी नहीं की जाती, इसलिए उन पर लगाए गए किसी भी प्रकार के आरोप तथ्यों से परे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *