• उपसचिव, अपर सचिव के सभी पदों पर आरक्षित वर्ग के लोग

भोपाल : मोहन यादव सरकार द्वारा कर्मचारियों अधिकारियों की पदोन्नति के लिए जारी किए गए नए नियमों के विरोध में आज से मंत्रालय में विरोध शुरू हो गया है। मंत्रालय में पदस्थ अनारक्षित वर्ग के अधिकारी कर्मचारी आज दफ्तर में सरकार के पदोन्नति नियम के विरोध में स्लोगन लिखी टोपी लगाकर काम करने पहुंचे हैं।

वहीं, कल मंत्रालय में सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के अधिकारी एकजुट होकर प्रदर्शन कर आंदोलन की रणनीति बनाएंगे। उधर सपाक्स (स्पीक) ने भी इस मामले को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाने 29 जून को बैठक बुलाई है जिसमें सभी कर्मचारी अधिकारी संगठनों को बुलाया गया है।

मंत्रालय में सभी अधिकारी-कर्मचारी टोपी लगाकर पहुंचे।

मंत्रालय में सभी अधिकारी-कर्मचारी टोपी लगाकर पहुंचे।

मंत्रालय अधिकारी कर्मचारी सेवा संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने मंत्रालयीन कर्मचारियों अधिकारियों से कहा है कि अभी नए पदोन्नति नियमों और पुरानी व्यवस्था में पदोन्नति के 36 प्रतिशत पद आरक्षित वर्ग को मिलेंगे। इसमें 20 प्रतिशत एसटी और 16 प्रतिशत एससी वर्ग के लोग होंगे। इसके बाद अनारक्षित वर्ग के लिए जो पदोन्नति के 64 प्रतिशत पद बचेंगे उसमें भी आरक्षित वर्ग के लोग वरिष्ठता के हिसाब से आएंगे और अनारक्षित वर्ग का हक मारेंगे।

उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति ऊंचे पद पर पहुंचता है तो लम्बे समय तक रहता है और सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग का अधिकारी कुछ समय के लिए ही पद पर रहकर रिटायर हो जाता है। क्या हमारा प्रदेश की और राष्ट्र की उन्नति में कोई योगदान नहीं है। क्या सामान्य और पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग साइबेरिया से आए हैं। इस तरह की तुष्टिकरण की कार्यवाही सरकार क्यों कर रही है।

मंत्रालय में ऐसी है पदों के आरक्षण की स्थिति

  • अंडर सेक्रेट्री के 65 पद में से 58 पदों पर आरक्षित वर्ग के अधिकारी पदस्थ
  • उप सचिव के 14 पद हैं जिसमें से सभी पदों पर आरक्षित वर्ग के अफसर पदस्थ
  • अपर सचिव के तीन पद हैं और तीनों पर आरक्षित वर्ग के अफसर पदस्थ
प्रमोशन में नए नियमों का कर रहे विरोध।

प्रमोशन में नए नियमों का कर रहे विरोध।

स्पीक के अध्यक्ष बोले- 29 को करेंगे सभी संगठनों के साथ मीटिंग

दूसरी ओर सपाक्स (स्पीक) के अध्यक्ष डॉ केएस तोमर ने कहा कि मंगलवार को मंत्रालय में हुई मीटिंग में वह भी शामिल हुए थे। कर्मचारियों, अधिकारियों को लोकसेवा पदोन्नति नियम 2025 के उन प्रावधानों की जानकारी दी गई है जो अनारक्षित वर्ग का हक मारने वाले हैं।

तोमर ने कहा कि सरकार तो अनारक्षित वर्ग की बात ही नहीं सुनना चाहती है, इसलिए आंदोलन और कोर्ट जाने के अलावा इस वर्ग के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में 29 जून को राजधानी के नार्मदीय भवन में इस वर्ग के हितों को लेकर रणनीति बनाने सभी कर्मचारी अधिकारी संगठनों की बैठक बुलाई गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *