पटियाला : हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर आज आंदोलनकारी किसानों की महापंचायत होगी। यहां किसान नेता जगजीत डल्लेवाल 40 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। उन्होंने देशभर के किसानों से बातचीत के लिए खनौरी बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की थी। डल्लेवाल मंच पर आकर किसानों को संबोधित भी करेंगे। 1 बजे के बाद डल्लेवाल को मंच पर लाया जाएगा।

इसी बीच बरनाला-मोगा नेशनल हाईवे पर जेल के पास किसानों से भरी बस की ट्रक से टक्कर हो गई। यह बस मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह के गांव डल्लेवाल से आई थी, जो खनौरी बॉर्डर पर किसान महापंचायत के लिए जा रही थी। कई किसान गंभीर घायल हुए हैं। उन्हें बरनाला के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत में पहुंचे किसान।

खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत में पहुंचे किसान।

दूसरी ओर किसानों की महापंचायत को देखते हुए हरियाणा पुलिस अलर्ट है। बॉर्डर पर महापंचायत में जाने वालों को रोका जा रहा है। इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाले कैमरे लगाए गए हैं, जो फेस रीड कर सकते हैं।

जींद में बीएनएस की धारा 163 (पूर्व में आईपीसी की धारा 144) लागू की गई है। इसके साथ पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 21 कंपनियां तैनात की गई हैं। किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए यहां 21 डीएसपी भी ड्यूटी पर रहेंगे। हरियाणा पुलिस ने नरवाना से गढ़ी और पंजाब जाने वाले रास्ते को भी बंद कर दिया है।

डल्लेवाल पर सुप्रीम कोर्ट में 17 दिन में 6 सुनवाई हो चुकीं…

1. पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए 17 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की सेहत को लेकर पंजाब सरकार से कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। इसमें ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। पंजाब सरकार को हालात संभालने होंगे।

2. पंजाब सरकार ने कहा- डल्लेवाल की सेहत ठीक 18 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार डल्लेवाल की सेहत ठीक बताई। इस पर कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल की तबीयत सही बता रहा है? उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई।

3. अधिकारी अस्पताल भर्ती करने पर फैसला लें 19 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने चिंता जताई कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी फैसला लेंगे।

4. केंद्र की मदद से अस्पताल में शिफ्ट करें 28 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना।

यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं।

5. सरकार ने 3 दिन की मोहलत ली 30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया।

6. हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं।

इस केस में डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते।”

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