मथुरा : आध्यात्मिक धर्म गुरु संत प्रेमानंद महाराज की प्रसिद्धि किस कदर है इसकी बानगी देखने को मिली नव वर्ष पर। साल 2025 का स्वागत संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन करने के लिए भीड़ इस कदर उमड़ी कि रास्ते जाम हो गए। एक झलक पाने के लिए लोग घरों पर लगी रैलिंग पर चढ़ गए। हालात यह हो गए कि भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
रास्तों पर नहीं मिली पैर रखने को जगह
वर्ष 2024 की विदाई और 2025 के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु वृंदावन पहुंचे। यह भक्त भगवान के दर्शन करते उससे पहले इन लोगों ने संत प्रेमानंद महाराज के निकलने वाले रास्ते पर डेरा जमा लिया। हालात यह हो गए कि डेढ़ किलोमीटर के एरिया में पैर रखने की जगह नहीं बची।

संत प्रेमानंद महाराज के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में भक्त उमड़े
श्री कृष्ण शरणम् से निकलते हैं संत प्रेमानंद महाराज
संत प्रेमानंद महाराज देर रात 2 बजकर 20 मिनट पर प्रतिदिन अपने निवास छठीकरा रोड स्थित श्री कृष्ण शरणम् से निकलते हैं। यहां से वह करीब डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित अपने आश्रम केली कुंज जाते हैं। इस दौरान उनके दर्शनों के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं।

संत प्रेमानंद महाराज प्रतिदिन देर रात निवास से आश्रम जाते हैं
जिधर नजर गई उधर नजर आए भक्त
संत प्रेमानंद महाराज जिस रास्ते से निकलते हैं उस रास्ते पर जिधर नजर गई उधर भक्त ही भक्त नजर आ रहे थे। कुछ तो ऐसे थे जिन्होंने मंगलवार की शाम से ही डेरा जमा लिया था। देर रात जब संत प्रेमानंद महाराज आश्रम के लिए निकले तो उनकी एक झलक पाने को कुछ युवक तो घरों पर बनी रैलिंग पकड़ कर एक दो मंजिल तक चढ़ गए।

एक झलक पाने के लिए रेलिंगों पर युवक चढ़ गए
पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत
संत प्रेमानंद महाराज के दर्शनों के लिए भीड़ इस कदर उमड़ी कि उसे काबू करने में पुलिस के पसीने छूट गए। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए बेरिकेड्स कई बार गिर पड़े। माइक से संत प्रेमानंद महाराज की सेवा के लगे शिष्य अपील कर रहे थे। लेकिन भक्तों के सर संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन की दीवानगी इस कदर हावी थी कि वह कुछ सुनने को तैयार नहीं थे।

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी
की गई सजावट
नए वर्ष के पहले दिन संत प्रेमानंद महाराज के निकलने वाले रास्ते को उनके भक्तों ने दुल्हन की तरह सजाया। पूरे रास्ते में फूल बिछाए गए तो आकर्षक लाइट से जगमग किए गए। संत प्रेमानंद महाराज जैसे ही अपने निवास से निकले भक्त राधे राधे करने लगे।