दैनिक उजाला, मथुरा : वृंदावन में 12 दिन बाद फिर से संत प्रेमानंद महाराज ने रात्रिकालीन पदयात्रा शुरू की। सोमवार शाम से ही पदयात्रा मार्ग पर भीड़ जुटने लगी थी। रात में सड़क पर भक्तों ने रंगोली बनाई, दीपक जलाए। संत प्रेमानंद महाराज को देखते ही भक्तों के चेहरे पर खुशी छा गई।

दरअसल, 4 फरवरी को NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान बजने वाले ढोल और आतिशबाजी का विरोध किया था। इसके बाद संत प्रेमानंद महाराज ने 6 फरवरी से अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा स्थगित कर दी थी। इसके बाद से संत प्रेमानंद महाराज श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से रात 2 बजे की जगह सुबह 4 बजे कार से केली कुंज आश्रम जाने लगे थे।

रविवार को NRI ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष आशु शर्मा ने प्रेमानंद महाराज से हाथ जोड़कर माफी मांगी। कहा- सोसाइटी के लोग पश्चाताप कर रहे हैं। ब्रजवासियों ने भी उसने पदयात्रा शुरू करने की अपील की। इसके बाद संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा शुरू की।

पदयात्रा की तस्वीरें-

संत प्रेमानंद की पदयात्रा की सूचना मिलते ही भक्त सड़क को सजाने लगे।

संत प्रेमानंद की पदयात्रा की सूचना मिलते ही भक्त सड़क को सजाने लगे।

प्रेमानंद महाराज के पदयात्रा मार्ग पर पर भक्त जुट गए।

प्रेमानंद महाराज के पदयात्रा मार्ग पर पर भक्त जुट गए।

महाराज जी के आने की खुशी में भक्तों ने सड़क पर रंगोली बनाई।

महाराज जी के आने की खुशी में भक्तों ने सड़क पर रंगोली बनाई।

संत प्रेमानंद महाराज रात्रिकालीन पदयात्रा पर निकले

संत प्रेमानंद महाराज रात्रिकालीन पदयात्रा पर निकले

पहले जानिए कि प्रेमानंद महाराज को पदयात्रा क्यों अनिश्चित काल के लिए स्थगित करनी पड़ी…

मथुरा में केली कुंज आश्रम ने 6 फरवरी को X पर एक पोस्ट किया। लिखा-

इस सूचना के बाद प्रेमानंद महाराज के अनुयायी मायूस हो गए। लोगों ने पदयात्रा स्थगित किए जाने की वजह खोजी। पता चला कि एनआरआई ग्रीन अपार्टमेंट सोसाइटी के लोगों ने प्रेमानंद महाराज के रात्रि दर्शन को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था।

शाम होते ही जुटने लगे थे भक्त

12 दिन बाद आज रात 2 बजे संत प्रेमानंद महाराज एक बार फिर जैसे ही श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी से बाहर निकले तो भक्त उत्साहित हो गए। राधा-रानी की जय जयकार से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। पूरे रास्ते में रंगोली बनाई गई थी। भक्तों का कहना था कि महाराज जी तो राधा रानी की सेवा करते हैं, ब्रजवासी तो उनके प्राण हैं। फिर लोगों ने क्यों विरोध किया था। महाराज के स्वागत में पदयात्रा मार्ग को फूलों से सजाया गया था। इतना ही नहीं कई भक्तों ने उनके दोबारा पदयात्रा शुरू करने की खुशी में दीपक जलाए। ऐसा लग रहा था जैसे दीपावली मनाई जा रही हो।

संत प्रेमानंद महाराज ने पदयात्रा को लेकर फूल,तस्वीर,चाय-नाश्ता वाले दुकानदारों का कहना था- पदयात्रा स्थगित होने से उनका रोजगार ठप हो गया था। फूल बेचने वाले सूरज ने बताया कि आज कई दिन बाद अच्छी मात्रा में फूल बिके हैं। चाय का ठेला लगाने वाले राज ने बताया कि वह महाराज जी के भक्त हैं। महाराज जी की पदयात्रा पर आने से रोजगार तो चलेगा ही सबसे महत्वपूर्ण उनके दर्शन हो जाएंगे।

NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने भी किया स्वागत।
NRI ग्रीन सोसाइटी के लोगों ने भी किया स्वागत।

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