अयोध्या : अयोध्या में बालक राम यानी प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दीवाली है। 500 साल बाद आए इस पल का उल्लास 3 दिन से अयोध्या में दिख रहा है, लेकिन श्रद्धालु यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि रामलला पहली दिवाली पर क्या पहनेंगे?

यह सवाल हमने डिजाइनर मनीष त्रिपाठी से पूछा। मनीष वही हैं, जिनकी डिजाइन की गई पोशाकें रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद से पहन रहे हैं। उन्होंने बताया कि धनतेरस की पोशाक दिल्ली से सोमवार सुबह फ्लाइट से अयोध्या पहुंच चुकी है। इसे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दिया है।

यह तस्वीर 11 जून की है। नौतपा की भीषण गर्मी में रामलला का शीतल पुष्पों से श्रृंगार किया गया था।

यह तस्वीर 11 जून की है। नौतपा की भीषण गर्मी में रामलला का शीतल पुष्पों से श्रृंगार किया गया था।

धनतेरस की पोशाक 30 दिन में 15 साधकों ने तैयार की

मनीष ने बताया- धनतेरस की पोशाक गुजराती बंधेज पैटर्न पर बनी है। कपड़ा गेहुंआ लाल है। चांदी के तारों की सिलाई और एम्ब्रॉयडरी की गई है। इसमें 8 रोल चांदी तार लगा है। इसे 30 दिन में 15 श्रम साधकों ने तैयार किया है।

दिवाली की पोशाक में कढ़ाई से बने होंगे वैष्णव चिह्न

दिवाली की पोशाक कैसी होगी? इस पर मनीष ने बताया कि प्रभु की दीवाली पोशाक में 11 से 12 मीटर कपड़ा लगता है और इस विशेष पोशाक के लिए हमने साउथ सिल्क को चुना है। दिवाली है, इसलिए भगवान पीतांबर वस्त्र में होंगे। इसमें सोने-चांदी के तारों से सिलाई की गई है। पोशाक में कढ़ाई से वैष्णव चिह्न बने होंगे। हम राजा की सेवा कर रहे हैं, इसलिए उनकी सेवा और पहनावा उसी स्तर का होना चाहिए।

यह तस्वीर 17 जून की है। रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक किया गया था।

यह तस्वीर 17 जून की है। रामनवमी पर रामलला का सूर्य तिलक किया गया था।

हर दिन रामलला की पोशाक दिल्ली से आती है

मनीष तिवारी ने बताया- 22 जनवरी के बाद से हम कोशिश करते हैं कि हर बड़े आयोजन पर भगवान की पोशाक भारतीय पारंपरिक टेक्सटाइल से तैयार हो। इसके लिए दक्षिण भारत, नॉर्थ ईस्ट, पश्चिम और उत्तर भारत की विभिन्न टेक्सटाइल्स में से सबसे बेहतरीन को चुनते हैं। इस बार गुजरात और दक्षिण भारत के श्रम साधकों ने हमें कपड़ा उपलब्ध कराया है।

उन्होंने कहा- रामलला की पोशाक के निर्माण करने में मर्यादाओं को ध्यान रखा जाता है। इसलिए पोशाक की फोटो नहीं खीचते हैं। प्रतिदिन रामलला की पोशाक दिल्ली से भेजी जाती है। सबसे पहले पोशाक को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपा जाता है, जिसके बाद रामलला को यह पोशाक पहनाई जाती है।

कल 28 लाख दीए जलाए जाएंगे

अयोध्या में 30 अक्टूबर को होने जा रहे भव्य दीपोत्सव की तैयारियां हो चुकी हैं। इस दिन वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए 28 लाख दीयों को कम से कम आधे घंटे जलाए रखा जाएगा। इसके लिए 90 हजार लीटर सरसों का तेल अयोध्या पहुंच चुका है।

राम मंदिर को 5 टन सुगंधित फूलों से सजाया जाएगा। मंदिर परिसर में 2 लाख दीये जगमगाएंगे। दुनियाभर में इस कार्यक्रम के लाइव टेलीकास्ट के लिए मीडियाकर्मी अयोध्या पहुंच चुके हैं।

दीपोत्सव की तैयारी की 2 तस्वीरें देखिए…

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