सीतापुर : सीतापुर के बीएसए अखिलेश सिंह और हेडमास्टर बृजेंद्र वर्मा का एक ऑडियो सामने आया है। ऑडियो में बीएसए, एक शिक्षिका की बगैर स्कूल जाए ही हाजिरी लगाने की बात कह रहे हैं। बीएसए, हेडमास्टर से कहते हैं, गांव वाले पूछें तो कह देना कि मैडम मेडिकल लीव पर हैं।

इतना तो आप मैनेज कर ही सकते हैं। जवाब में हेड मास्टर कहते हैं, कम से कम एक दिन तो वह आ जाएं। उनकी गाड़ी प्रधान के घर के सामने से गुजरती है, लोग पूछेंगे तो क्या बताएंगे।

दरअसल, 23 सितंबर को हेडमास्टर ने बीएसए को उनके ऑफिस में घुसकर बेल्ट से पीटा था। 6 सेकेंड में 5 बार बेल्ट मारी थी। वहां मौजूद स्टाफ के लोगों ने हेड मास्टर को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था। बीएसए की शिकायत पर हेडमास्टर के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने और जान से मारने की कोशिश समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।

23 सितंबर को हेड मास्टर अचानक आगे बढ़े और फाइल बीएसए की मेज पर पटक दी। कमर से बेल्ट बाहर निकाली।

23 सितंबर को हेड मास्टर अचानक आगे बढ़े और फाइल बीएसए की मेज पर पटक दी। कमर से बेल्ट बाहर निकाली।

महिला टीचर से विवाद, बीएसए पर प्रताड़ित करने का आरोप

बृजेंद्र कुमार वर्मा महमूदाबाद क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय नदवा विशेश्वरगंज के हेड मास्टर हैं। पुलिस कस्टडी में आरोपी बृजेंद्र ने बीएसए पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। हेड मास्टर ने बताया, स्कूल की एक महिला टीचर को लेकर विवाद चल रहा था, इसी के चलते बीएसए उसे लगातार परेशान कर रह थे। 23 सितंबर को स्पष्टीकरण देने के दौरान कार्यालय में विवाद हुआ था। जिसके बाद दोनों तरफ से मारपीट हो गई।

हेड मास्टर बृजेंद्र कुमार वर्मा 23 सितंबर को महिला टीचर की शिकायतों पर सफाई देने पहुंचे थे। इसी दौरान बीएसए अखिलेश सिंह और उनके बीच कहासुनी बढ़ गई। विवाद इस कदर बढ़ा कि शिक्षक बृजेंद्र ने कमर से बेल्ट निकालकर बीएसए पर हमला कर दिया। दोनों पक्षों की मारपीट सीसीटीवी में कैद हो गई।

सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। आरोपी शिक्षक को हिरासत में लिया। बीएसए का मेडिकल करवाया गया है। पीड़ित बीएसए ने मामले में टीचर के खिलाफ केस दर्ज कराकर अपनी जान-माल की सुरक्षा की मांग की।

पुलिस ने आरोपी टीचर को टीचर को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने आरोपी टीचर को टीचर को गिरफ्तार किया था।

हेडमास्टर के समर्थन में आए बच्चे और गांव वाले

विवाद के बाद 24 सितंबर को विद्यालय में ताला लटक गया। कक्षाएं बाधित रहीं। सुबह से बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अपने प्रधानाध्यापक और सहायक शिक्षक की वापसी की मांग को लेकर विद्यालय गेट पर डटे रहे। बच्चों ने साफ कहा- वे गुरुजी की वापसी तक विद्यालय नहीं छोड़ेंगे। मौके पर पहुंची पुलिस भी उन्हें समझाने में नाकाम रही। वहीं पुलिस ने मामले में केस दर्ज करते हुए आरोपी शिक्षक को जेल भेज दिया।

गांव वाले बोले- हेडमास्टर ने पढ़ाई और व्यवस्थाओं में सुधार

ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक का समर्थन करते हुए उनके कार्यकाल में विद्यालय में पढ़ाई और व्यवस्थाओं में सुधार का हवाला दिया। साथ ही सहायक अध्यापिका अवंतिका गुप्ता पर महीनों अनुपस्थित रहने और मनमानी छुट्टियां लेने के गंभीर आरोप लगाए। बताया जा रहा विवाद की शुरुआत भी इन्हीं की उपस्थिति को लेकर हुई थी।

24 सितंबर को गांव वालों और बच्चों ने हेडमास्टर के समर्थन में स्कूल के गेट पर प्रदर्शन किया।

24 सितंबर को गांव वालों और बच्चों ने हेडमास्टर के समर्थन में स्कूल के गेट पर प्रदर्शन किया।

बीएसए और हेडमास्टर के बीच हुई बातचीत…

बीएसए: आपको जो कह रहे हैं वो करिए। गांव की चिंता आप मत करिए। गांव से शिकायत आएगी तो हम देखेंगे।

हेडमास्टर: लोग पूछते हैं मैडम क्यों नहीं आ रहीं हैं?

बीएसए: कह दीजिए मैडम मेडिकल पे हैं!

हेडमास्टर: वही तो हम बता रहे हैं सर, मेडिकल पे हैं, लेकिन बाद में क्या होगा? हम क्या बताएंगे? उनकी गाड़ी प्रधान के घर के सामने से निकलती है।

बीएसए: आप लोग टाइम से आते हैं?

हेडमास्टर: हम लोग तो टाइम से आते ही हैं।

बीएसए: सेल्फी मंगाना शुरू करें। कल से सेल्फी मंगाना शुरू करें

1 साल तक।

हेडमास्टर: आप मंगा लीजिए आप सर। लेकिन अब जो है, आपके सम्मान के लिए जो है एक दिन आप।

बीएसए: तुमको मैंने बुलाया है इसीलिए। तुम कहानी समझा रहे है।

हेडमास्टर: नहीं, बता रहा हूं। समस्या बता रहा हूं।

बीएसए: पता नहीं है कि विद्यालय में कौन कितने बजे पहुंचता है। मैं तो जानकारी कर नहीं लेता हूं।

हेडमास्टर: नहीं, आप सब कुछ कर सकते हैं।

बीएसए: जब मैं बता रहा हूं तो आप मैनेज नहीं कर रहे हो।

हेडमास्टर: सर, हफ्ते में एक दिन मैनेज कर लूंगा। ये डेली वाला तो अभी बहुत लंबा टाइम है।

( इसी बीच में अखिलेश प्रताप सिंह ने किसी अधीनस्थ अधिकारी को कुछ कह रहे हैं)

बीएसए: हेलो, प्राथमिक विद्यालय नदवा है महमूदाबाद में। डेली पहुंचना है पौने 8 बजे। 2:30 बजे विद्यालय छोड़ना है। कल से अगले एक साल तक सेल्फी आनी चाहिए। अगर 8 बजे तक सेल्फी नहीं आएगी तो अब्सेंट कर डिफॉल्टर लगा देना।

इसके बाद फोन कटता है

बीएसए: जाइए। कल से सेल्फी भेजिए। अगले एक साल तक। एक मिनट की देर हुई तो सस्पेंड करूंगा।

हेडमास्टर: ठीक सर, थैंक्यू।

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