- जीएलए में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा रिसर्च से संबंधित जानकारी के लिए विद्यार्थियों के लिए आयोजित होंगे अनेकों कार्यक्रम
दैनिक उजाला, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) प्रदर्शन एवं लोकप्रियकरण योजना के तहत, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के साथ साझेदारी में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मेला परियोजना की मंजूरी प्राप्त की है।
इस पहल का नेतृत्व अनुसंधान एवं विकास विभाग के डीन प्रो. कमल शर्मा कर रहे हैं। इस परियोजना का उद्देश्य 31 लाख 10 हजार की अनुमानित राशि के साथ छात्रों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति रुझान पैदा करना है।

प्रो. कमल शर्मा ने बताया की मेले में विज्ञान-आधारित क्विज़ एवं परियोजना प्रदर्शनी जैसी आकर्षक गतिविधियों के माध्यम से छात्रों में तार्किक, आलोचनात्मक सोच एवं व्यावहारिक कौशल विकसित किया जायेगा। एक करियर के रूप में विज्ञान की रोमांचक संभावनाओं को प्रदर्शित करके, यह कार्यक्रम एक सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देने, समाज में रचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करने और शिक्षकों को वैज्ञानिक सिद्धांतों के उन्नत ज्ञान के साथ सशक्त बनाने का प्रयास करेगा।
इस परियोजना के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मेला दो चरणों में शुरू होगा, जिसकी शुरुआत स्कूल स्तर की प्रदर्शनी से होगी और उसके बाद एक अंतर-जिला परियोजना प्रतियोगिता होगी। ये प्रदर्शनियां उत्तर प्रदेश के पांच जिलों के छात्रों के लिए नवीन परियोजनाओं को प्रदर्शित करने और व्यावहारिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाली इंटरेक्टिव, छात्र-केंद्रित गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक मंच के रूप में काम करेंगी। इस पहल के माध्यम से जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा विज्ञान शिक्षा में आये अन्तराल को पाटने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता एवं कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने अनुसंधान एवं विकास विभाग के डीन प्रो. कमल शर्मा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि सरकार की इसी तरह की परियोजनाएं जीएलए विश्वविद्यालय के शोध को नया आयाम प्रदान करेंगी।
“3डी प्रिंटिंग में कौशल“ पर एक महत्वपूर्ण पांच दिवसीय कार्यशाला
वहीं मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग ने एमआइईएस सोसायटी और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस नोएडा) के मानक क्लब के साथ मिलकर “3डी प्रिंटिंग में कौशल“ पर एक महत्वपूर्ण पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल ने उद्घाटन सत्र में एक व्याख्यान दिया, जिसमें उन्होंने ज्ञानवर्धक टिप्पणियां साझा कीं। मुंबई में 3आइडिया सॉल्यूशंस के रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंजीनियर सुमित सोनवाने ने 3डी प्रिंटिंग के विशेषज्ञ हैं, जिसमें मॉडलिंग, सामग्री, इंस्टॉलेशन, प्रोटोटाइपिंग और ऑटोमेशन के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला के संयोजक डा. कुवर मौसम ने स्वागत भाषण दिया और प्रतिभागियों को अपने अमूल्य ज्ञान से सशक्त बनाया। साथ ही उन्होंने यांत्रिक और सूक्ष्म संरचनात्मक विशेषताओं के बारे में बात की। डा. तेजेंद्र सिंह सिंघल, डा. आयुष गुप्ता, डॉ. तोषित जैन, यशवंत विशेषज्ञों ने भी छात्रों को कौशल विकास से संबंधित जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम में छात्रों ने 3डी प्रिंटिंग और भविष्य के विकास में इसके संभावित अनुप्रयोगों की गहरी समझ हासिल की। इस प्रशिक्षण के बाद छात्र 3डी प्रिंटर पर 3डी मॉडल बनाने में सक्षम थे। मैकेनिकल विभाग के पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम को प्रयोजित करने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो का आभार जताया।