जलपाईगुड़ी : तारीख: 5 अगस्त, जगह: ढाका, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के ‘गणबंधन’ यानी प्रधानमंत्री आवास पर जनता ने धावा बोल दिया। नतीजन, शेख हसीना को इस्तीफा देकर भारत में शरण लेनी पड़ी।India Bangladesh Trade Relation: बांग्लादेश सरकार के तख्तापलट के बाद भारत और बांग्लादेश के व्यापार पर कितना असर पड़ा, लोगों की आवाजाही पहले जैसी है या नहीं, हिंसा के बाद ग्राउंड रियलिटी की पड़ताल के लिए हम पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले  इंडिया-बांग्लादेश फुलबारी बॉर्डर पहुंचे। फुलबारी इन लैंड पोर्ट स्ट्रैटेजिक तौर पर बेहद ही महत्वपूर्ण इन लैंड पोर्ट है। बांग्लादेश इसी पोर्ट के जरिए 3 देशों भारत, नेपाल और भूटान के साथ व्यापार करता है। 

2023-24 में हुआ 1.18 लाख करोड़ का व्यापार

विदेश मंत्रालय की वेबसाईट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक भारत और बांग्लादेश के बीच साल 2023 -2024 में 14 बिलियन डॉलर यानी 1.18 लाख करोड़ का व्यापार हुआ था।

तीन देशों को जोड़ता है फुलबारी लैंड पोर्ट

पोर्ट पर हमने सुरक्षा व्यवस्था, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट और पैसेंजर के सीमा पार आने-जाने की पड़ताल की है। नतीजे बेहद चौंकाने वाले हैं। आइए सभी आंकड़ों को एक-एक करके डिटेल में जानते हैं…

इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट फुलबारी एकमात्र ऐसा इन लैंड पोर्ट है जहां से बांग्लादेश एक साथ भारत, नेपाल और भूटान यानी 3 देशों के साथ व्यापार करता है। इसी पोर्ट के जरिए पैसेंजर्स भी बांग्लादेश से भारत और भारत से बांग्लादेश में आते-जाते हैं।

बांग्लादेश में हिंसा के बाद 3 दिनों तक बंद थी ट्रकों की आवाजाही, सिलीगुड़ी कस्टम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश में सरकार की तख्तापलट के बाद फुलबारी इन लैंड पोर्ट से 5, 6 और 7 तारीख को वाहनों की आवाजाही बंद थी। उसके बाद एक बार फिर से आवाजाही शुरू हो सका। 

रोजाना 250 ट्रक भारत-बांग्लादेश फुलबारी बॉर्डर से करते हैं आवाजाही, टेंशन के बाद संख्या पहुंची आधी। फुलबारी चेक पोस्ट से औसतन रोजाना 250 ट्रक बांग्लादेश से भारत और और भारत से बांग्लादेश आते-जाते हैं।

एक्सपोर्ट: भारत से बांग्लादेश के लिए फुलबारी इन लैंड पोर्ट से सबसे अधिक पत्थर लदे ट्रक बांग्लादेश भेजे जाते हैं। हिंसा वाले दिन से पहले औसतन 1600 से 1700 ट्रक और रोजाना  50 से 60 पत्थर लदे ट्रक भारत से बांग्लादेश जाते हैं। लेकिन, हिंसा की घटना के बाद से यह संख्या घटकर औसतन 10 से 15 ट्रक हो गई है।

इंपोर्ट: फुलबारी पोर्ट के रास्ते भारत में बांग्लादेश से सबसे अधिक रूई, जूट, बैटरी और शीशे  लदे ट्रक आते हैं। महीने में औसतन 250 ट्रक भारत आते हैं।

बांग्लादेश से नेपाल: महीने में औसतन 80 ट्रक फुलबारी पोर्ट से बांग्लादेश से नेपाल के लिए जाते हैं।

भूटान से बांग्लादेश: भूटान से महीने में औसतन 100 ट्रक फुलबारी पोर्ट के रास्ते बांग्लादेश जाते हैं।    

अभी तक आपने पढ़ा कि दोनों देशों से कितने ट्रक इस पोर्ट से गुजरते हैं। आइए आगे जानते हैं कि बांग्लादेश का फुलबारी लैंड पोर्ट के जरिए भारत, नेपाल और भूटान के साथ कितने करोड़ का ट्रेड होता है

फुलबारी पोर्ट बांग्लादेश-नेपाल का है मुख्य व्यापार मार्ग, लेकिन सबसे अधिक भारत के साथ होता है व्यापार 

फुलबारी लैंड कस्टम डिवीजन से मिली जानकारी के मुताबिक भारत से बांग्लादेश का महीने में 25 करोड़ रुपए का व्यापार होता है। वहीं, बांग्लादेश से भारत कुल 8 से 9 करोड़ रुपए का औसतन व्यापार होता है।

पिछले 3 महीनों के आंकड़ों के मुताबिक बांग्लादेश से नेपाल कुल 6 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ है। वहीं नेपाल से बांग्लादेश 2 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ।

SILIGURI CUSTOM DIVISION

बांग्लादेश से भूटान का जीरो निर्यात

पिछले 3 महीनों के आंकड़ों के मुताबिक, भूटान से बांग्लादेश से 5 मिलियन डॉलर का निर्यात हुआ है। जबकि बांग्लादेश से भूटान के लिए निर्यात जीरो रहा।

व्यापार के बाद आइए जानते हैं कि बांग्लादेश से भारत और भारत से बांग्लादेश कितने लोग रोज आते जाते हैं यानी फुलबारी बॉर्डर से पैसेंजर मूवमेंट के कैसे हालात है? 

फुलबारी लैंड पोर्ट सिर्फ व्यापार रूट ही नहीं बल्कि यहां से भारी संख्या में पैसेंजर्स एक दूसरे देशों में आते-जाते हैं।

फुलबारी कस्टम विभाग के एक अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर हमें पैसेंजर्स मूवमेंट की बीते 4 महीनों की जानकारी उपलब्ध कराई। मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में तख्तापलट से पहले महीने में करीब 6348 लोग इस पोर्ट के माध्यम से एक दूसरे देश में आते-जाते थे। लेकिन, 5 अगस्त के बाद तेजी से हालात बदले हैं। यह संख्या घटकर अब आधी हो गई है। अब रोजाना सिर्फ 100 लोग ही एक दूसरे देशों में आ-जा रहे हैं।

पिछले 4 महीनों के पैसेंजर्स मूवमेंट केआंकड़ों पर गौर करें तो नतीजे कुछ इस तरह नजर आते हैं: 

जुलाई: जुलाई महीने में कुल 6167 लोग भारत से बांग्लादेश और बांग्लादेश से भारत आए। जिनमें भारत से बांग्लादेश जाने वालों की संख्या 2909 है जबकि बांग्लादेश से भारत आने वाले लोगों की संख्या 3258 है।

जून: जून महीने मेंकुल 6359 लोगों ने फुलबारी पोर्ट के माध्यम से एक दूसरे देशों में गए।  भारत से बांग्लादेश जाने वालों की संख्या 3072 है जबकि बांग्लादेश भारत आने वाले लोगों की संख्या 3270 है।

passengers movement

मई: मई के महीने में दोनों देशों से कुल 6695 यात्री भारत से बांग्लादेश और बांग्लादेश से भारत गए। भारत से बांग्लादेश जाने वालों की संख्या 3482 है जबकि बांग्लादेश से भारत आने वाले यात्रियों की संख्या 3213 है।

अप्रैल: अप्रैल के महीने में कुल 6171 यात्रियों ने फुलबारी पोर्ट से भारत से बांग्लादेश और बांग्लादेश से भारत में यात्रा की।  भारत से बांग्लादेश जाने वालों की संख्या 2582 है जबकि बांग्लादेश से भारत आने वाले यात्रियों की संख्या 3589 है।

बीएसएफ ने बढ़ाई मुस्तैदी, परिंदा भी नहीं मार सकता पर

ICP फुलबारी में इमीग्रेशन जांच के लिए बीएसएफ की 151वीं बटालियन तैनात है। बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट संदीप जामवाल ने बताया कि बांग्लादेश में हिंसा के बाद चेक पोस्ट पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। आने-जाने वाले यात्रियों की गहन जांच की जा रही है। यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। वहीं, बॉर्डर की सुरक्षा के लिए बीएसएफ की 176वीं बटालियन की तैनाती है।

BSF PETROLLING

फुलबारी एकीकृत जांच चौकी फुलबारी एक नजर में…

1. ए.जां.चौ. फुलबारी भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्राष्ट्रीय  सीमा के साथ पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित है।

2. फुलबारी पोर्ट के माध्यम से निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं पत्थर, मशीनरी, गैर-बासमती चावल, गेहूं, मक्का, फल और मशीनरी हैं। आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं ईंटें, कपास का कचरा, फ्लोट गैस, फर्नीचर, बैटरी, लॉलीपॉप, लीची पेय, आम पेय और कैंडी हैं।

3. बांग्लादेश की तरफ इन लैंड पोर्ट का नाम ‘बंग्लाबंध’ है। 

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