मुंबई : मुंबई के पवई इलाके के रा स्टूडियो में गुरुवार को 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाने वाला एनकाउंटर में मारा गया। पुलिस की कार्रवाई के दौरान फायरिंग में आरोपी रोहित आर्या को गोली लगी, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई।

रोहित ने 1:45 बजे 17 बच्चे, एक सीनियर सिटिजन और एक नागरिक को बंधक बनाया था। पुलिस और स्पेशल कमांडो ने एक घंटे की कार्रवाई में सभी बंधकों को सुरक्षित बचा लिया।

आरोपी के पास से एक एयरगन और केमिकल मिला है। हालांकि अब तक आरोपी रोहित आर्या के मकसद का पता नहीं चल पाया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने 100 से ज्यादा बच्चों को ऑडिशन के लिए बुलाया था।

आरोपी का नाम रोहित आर्या था। उसने बंधक बनाने के बाद वीडियो जारी किया था।

आरोपी का नाम रोहित आर्या था। उसने बंधक बनाने के बाद वीडियो जारी किया था।

आरोपी रोहित बोला- मुझे बस कुछ सवाल पूछने हैं

रोहित का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी आया है, जिसमें वह कह रहा है-

  • “मैं रोहित आर्या हूं। सुसाइड करने के बजाय मैंने एक योजना बनाई है और कुछ बच्चों को यहां बंधक बनाकर रखा है। मेरी ज्यादा मांगें नहीं हैं। मेरी बहुत ही साधारण मांगें हैं, नैतिक मांगें हैं और कुछ सवाल हैं। मैं कुछ लोगों से बात करना चाहता हूं, उनसे सवाल पूछना चाहता हूं और अगर उनके जवाबों के जवाब में मेरे पास कोई सवाल हो, तो मैं उनसे भी पूछना चाहता हूं, लेकिन मुझे ये जवाब चाहिए।
  • “मुझे और कुछ नहीं चाहिए। मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं, न ही मैं बहुत ज्यादा पैसे की मांग करता हूं, और मैं कोई अनैतिक मांग नहीं कर रहा हूं। मैंने एक प्लान के तहत बच्चों को बंधक बनाया है। अगर मुझे थोड़ा भी उकसाया गया तो मैं इस जगह (स्टूडियो) को आग लगा दूंगा। मैंने आत्महत्या का कदम उठाने के बजाय यह प्लान बनाया था। मुझे उकसाया न जाए, नहीं तो मैं बच्चों को नुकसान पहुंचाने वाला कदम उठा लूंगा।”

सरकारी टेंडर का पैसा नहीं मिलने से नाराज था आरोपी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रोहित आर्या मूल रूप से पुणे का रहने वाला था। उसे महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के कार्यकाल के दौरान शिक्षा विभाग के एक स्कूल का टेंडर मिला था। रोहित का कहना था कि उसे इस प्रोजेक्ट का भुगतान अब तक नहीं मिला था। जिसके चलते वह आर्थिक संकट और मानसिक तनाव से गुजर रहा था।

बच्चों के बंधक बनाने की सूचना पर पैरेंट्स तुरंत पहुंचे

पैरेंट्स को जैसे ही सूचना मिली कि उनके बच्चों को बंधक बनाया गया है। स्टूडियो के बाहर नीचे भीड़ जमा हो गई।

शीशे से झांककर मदद की गुहार लगाते दिखे बच्चे

बच्चों के स्टूडियों के खिड़की से झांकने पर आसपास के लोगों ने शोर मचाया। बच्चे मदद की गुहार लगा रहे थे। इसके बाद फौरन पुलिस को सूचना दी गई। कुछ ही देर में स्थानीय पुलिस, ATS और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। इलाके को चारों ओर से घेर लिया। रोहित अंदर से लगातार पुलिस को धमका रहा था और कह रहा था कि कार्रवाई की तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे।

पुलिस ने बच्चों को कैसे बचाया

दोपहर 1:45 बजे सूचना मिली कि स्टूडियो में बच्चों को बंधक बना लिया गया है। पुलिस टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और आरोपी से बातचीत (नेगोशिएशन) करने की कोशिश की। आरोपी को समझाने में नाकाम रहने पर पुलिस बाथरूम के रास्ते स्टूडियो में घुसी ताकि आरोपी को अचानक घेर सकें।

इस दौरान आर्या ने पुलिस पर फायरिंग की और बच्चों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। जवाबी कार्रवाई में आर्या पुलिस की गोली से घायल हुआ, जिसे बाद में अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। घटनास्थल से पुलिस ने एक एयर गन और कुछ रासायनिक पदार्थ बरामद किए। इन रासायनिक नमूनों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।

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