पुणे : महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने कहा- केरल मिनी पाकिस्तान है। राहुल और प्रियंका गांधी मुस्लिमों की वजह से वहां से चुनाव जीतते हैं।
राणे ने रविवार को पुणे जिले के पुरंदर की रैली में कहा- राहुल-प्रियंका को सभी आतंकवादी वोट देते हैं। यह सच है, आप पूछ सकते हैं। वे आतंकवादियों को अपने साथ लेकर सांसद बने हैं।
राणे ने कहा- राहुल और प्रियंका के चुनाव जीतने पर जो भी कहा वो वायनाड के भाजपा नेताओं ने भी कहा। आप किसी से भी पूछ सकते हैं। राहुल-प्रियंका का समर्थन करने वाले लोग कौन हैं? कौन से संगठन उनका समर्थन करते हैं? क्या कांग्रेस सामने आकर कह सकती है कि हम गलत हैं? क्या वे कह सकते हैं कि चुनावों में राहुल और प्रियंका का एक भी आतंकवादी संगठन ने समर्थन नहीं किया? हम और सबूत देंगे। मैंने जो कुछ भी कहा वह तथ्यों पर आधारित था।
विपक्ष की प्रतिक्रिया के बाद राणे ने कहा कि केरल भारत का अभिन्न हिस्सा है। वह केवल केरल और पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार की तुलना कर रहे थे। बीते दिनों वहां 12 हजार हिंदू महिलाओं का धर्मांतरण रोका गया था।
नितेश ने महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में 15 दिसंबर को मंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें मत्स्य पालन और बंदरगाह विकास मंत्रालय दिया गया है। नितेश के पिता नारायण राणे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह पहले भी अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। उनके खिलाफ हेट स्पीच के पहले से कई मामले दर्ज हैं।
कांग्रेस ने नितेश को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंधे पाटिल ने पीएम नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से नितेश को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि राणे से और क्या उम्मीद की जा सकती है? उन्हें यही करने के लिए चुना गया है।
मैं पीएम मोदी और देवेंद्र फडणवीस से पूछना चाहता हूं कि राणे मंत्री हैं,उन्होंने देश की संप्रभुता और एकता को बनाए रखने के लिए संविधान की शपथ ली है। अब वह देश के एक राज्य को पाकिस्तान बता रहे हैं। वहां के मतदाताओं को आतंकवादी कह रहे हैं। क्या उन्हें मंत्री पद पर बने रहने का अधिकार है? सुबह से शाम तक नितेश सिर्फ नफरत भरे बयान देते हैं। यदि मोदी और फडणवीस देशभक्त हैं, तो नितेश अभी भी कैबिनेट में कैसे है?
कम्युनिस्ट नेता ने भी कहा था- प्रियंका-राहुल सांप्रदायिक मुस्लिमों के सपोर्ट से वायनाड में जीते
CPI(M) पोलित ब्यूरो के सदस्य ए विजयराघवन ने भी 22 दिसंबर को कहा था, राहुल और प्रियंका गांधी की वायनाड जीत के पीछे सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन था। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन के मजबूत समर्थन के बिना राहुल गांधी जीत सकते थे? उन्होंने कहा, वायनाड से दो व्यक्ति राहुल और प्रियंका गए हैं, किसके समर्थन से? वे सांप्रदायिक मुस्लिम गठबंधन के मजबूत समर्थन से जीते। उनके समर्थन के बिना क्या राहुल गांधी का दिल्ली पहुंचना संभव था। आज वे विपक्ष के नेता हैं।