नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में जवाब देते हुए कहा कि “यह सदन राज्यों का सदन है बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने सदन से देश को दिशा दी। सदन में ऐसे लोग भी बैठे हैं जिन्होंने अपने जीवन में कई सिद्धियां प्राप्त की है। सदन में होने वाली बातों को देश गंभीरता से सुनता और लेता है लेकिन यह दूर्भाग्यपूर्ण है कि सदन में कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न सिर्फ सदन को बल्कि देश को निराश करने वाली है। माननीय सदस्यों को मैं कहूंगा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल, जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल…जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही खिलेगा।”
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि “कल खरगे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं मैं आता हूं वह तो आपने देखा लेकिन आप यह भी देखें कि वहां 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं। सिर्फ कलबुर्गी में ही 8 लाख से ज़्यादा जनधन खाते खुले हैं। इसे देखकर उनकी (मल्लिकार्जुन खरगे) पीड़ा मैं समझ सकता हूं। आप दलित की बात करते हैं यह भी देखें कि उसी जगह दलित को चुनाव में जीत भी मिली। अब आपको जनता ही नकार दे रही है तो आप उसका रोना यहां रो रहे हैं।”
सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से नहीं बनती बात
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “कोई भी जब सरकार में आता है वह देश के लिए कुछ वादा करके आता है लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है। विकास की गति क्या है, विकास की नीव, दिशा, प्रयास और परिणाम क्या है यह बहुत माएने रखता है। हमारी प्राथमिकता हमारे देश के नागरिक थे इसलिए हमने 25 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया। इसमें हमें नए इंफ्रास्ट्रक्चर और धन खर्च करना पड़ा। 18,000 से ज़्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। समयसीमा के साथ हमने 18,000 गांव में बिजली पहुंचाई।”