• अब वाहन स्वामी के लिए गाड़ी पार्क करना या भीड़-भाड़ इलाके से बाईपास करना होगा आसान
  • जीएलए प्रोफेसर तथा टेक्निकल मैनेजर और छात्रों ने मिलकर तैयार की नई तकनीक का पेटेंट ग्रांट

दैनिक उजाला, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर, टेक्निकल मैनेजर तथा छात्रों ने मिलकर एक नई तकनीक तैयार की है। इस तकनीक से फोर व्हीलर वाहन स्वामियों को किसी सकोच जगह गाड़ी पार्क करना अथवा भीड़-भाड़ इलाके से बाईपास करना और आसान होगा।

अक्सर देखने को मिलता है कि किसी सकोच जगह या भीड़-भाड़ इलाके में गाड़ी पार्क करने में बड़ी कठिनाई झेलनी पड़ती है। क्यांकि गाड़ी को टू व्हील स्टेयरिंग के कारण कई एंगल तक घुमाने में परेशानी होती है। इसी समस्या के समाधान पर जोर देते हुए जीएलए विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियिरिंग विभाग के प्रोफेसर पीयूष सिंघल, टेक्निकल मैनेजर रितेश दीक्षित तथा छात्र दीपक निरंकारी और मोहिब खान ने ‘फोर व्हील स्टेयरिंग मैकेनिज्म फॉर व्हीकल‘ विषय पर रिसर्च किया और एक नई तकनीक तैयार की।

विभाग के टेक्निकल मैनेजर रितेश दीक्षित ने बताया कि जब भी हम अपनी कार को किसी सकोच जगह पार्क करना चाहेंगे तो कार में फोर व्हील स्टेयरिंग मैकेनिज्म का उपयोग करके 360 डिग्री कार को घुमाकर पार्क किया जा सकता है और यदि हम कार को तेज गति से हाईवे पर चलाना चाहें तो कार में टू व्हील स्टेयरिंग मैकेनिज्म का उपयोग करके कार को तेज गति से चलाया जा सकता है। इस तकनीकी को तैयार करने में लगभग एक वर्ष लगा है। यह तकनीक विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल व छात्रों के अथक प्रयास से तैयार हो पाया।

उन्होंने बताया कि भीड़ भरी जगहों पर पार्क करने के लिए कार को कई बार आगे पीछे करके उचित स्थान पर पार्क किया जाता है। फोर व्हील स्टेयरिंग मैकेनिज्म के जरिए कार को अपनी ही जगह पर 360 डिग्री घुमाकर पार्क किया जा सकता है और इसके अतिरिक्त अगर हाईवे पर चलना हो तो एक लॉक सिस्टम से टू व्हील मैकेनिज्म उपयोग करके आसानी से दौड़ाया जा सकता है।

विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल ने बताया कि अब तक वाहनों में टू व्हील स्टेयरिंग मैकेनिज्म आता है, जिससे स्टेयरिंग व्हील घुमाने पर सिर्फ दो पहिए मुड़ते हैं, लेकिन फोर व्हील स्टेयरिंग मैकेनिज्म से एक ही स्टेयरिंग व्हील से चारों पहियों को घुमाया जा सकता है और वाहन को आसानी से पार्क किया जा सकता है। इस तकनीक को बनाने में पीछे वाले पहियों पर भी रैक एंड पीनियन लगाकर अगले स्टेयरिंग से कनेक्ट किया गया है। जिसका पेटेंट फाइल किया गया, जो कि ग्रांट हो चुका हैं। जिसका ग्रांट पेटेंट 377221 है।

रिसर्च विभाग के डीन प्रो. कमल शर्मा ने बताया कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और छात्रों ने एक अच्छी तकनीक पर रिसर्च किया है। इससे वाहनों स्वामियों को परेशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि जीएलए समस्याओं की जगह पहुंचकर उनके समाधान पर रिसर्च करता है। इस कार्य में अधिकतर विद्यार्थियों को प्राथमिकता देने की कोशिश करता है, जिससे कि विद्यार्थी रिसर्च के क्षेत्र में नए आयाम गढ़ सकें।

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