भोपाल : भोपाल गैस कांड में पीड़ितों को अब और मुआवजा नहीं मिलेगा। इस संबंध में देश की सबसे बड़ी अदालत ने अहम निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने गैस पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने संबंधी याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से भोपाल और प्रदेशभर के सभी गैस पीड़ितों और उनके लिए काम कर रहे संगठनों को गहरा धक्का लगा है।

गैस पीड़ितों को मुआवजा बढ़ाने के संबंध में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका लगाई थी। याचिका 2010 में लगाई गई थी। इस याचिका में भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को मुआवजा के लिए 7844 करोड़ रुपए की मांग की गई थी। गैस कांड की दोषी यूनियन कार्बाइड पीड़ितों को पहले ही मुआवजा दे चुकी है। केंद्र सरकार ने 7844 करोड़ की राशि अतिरिक्त मुआवजा के रूप में मांगी थी।

कोर्ट ने कहा है कि यह केस दोबारा नहीं खोला जा सकता- सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। जस्टिस संजय कोल्, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बैंच ने केंद्र की यह याचिका खारिज की। कोर्ट ने कहा है कि यह केस दोबारा नहीं खोला जा सकता। इससे गैस पीड़ितों की परेशानी और बढ़ जाएगी।

ये है मामला
सन 1984 में 2 और 3 दिसंबर की दरमियानी रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड से गैस लीक हुई जिसमें करीब 4 हजार लोग मारे गए थे। लाखों लोग इससे अभी भी पीड़ित हैं। इस मामले में कुल 5,74,386 लोगों को मुआवजा दिया गया। पीड़ितों को 470 मिलियन डालर का मुआवजा दिया गया लेकिन सरकार ने 7844 करोड़ अतिरिक्त मुआवजा मांगा था।

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