दैनिक उजाला संवाद, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इंस्टीट्यूट ऑफ़ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च संस्थान की कानूनी सहायता समिति समन्वयक डा. आईके सिंह के दिशा-निर्देशन में विद्यार्थियों ने बीते दिन जिला न्यायालय, मथुरा में लोक अदालत का दौरा सफलतापूर्वक पूरा किया।

लोक अदालत में प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने कानून और कानूनी कामकाज एवं अदालत की कार्य प्रक्रिया के बारे में बारीकी से जानकारी जुटाई। सर्वप्रथम विद्यार्थियों को लोक अदालत और इसके मुख्य उद्देश्य अर्थात् न्यायालय के बाहर समझौतों के माध्यम से न्याय के शीघ्र निपटान के बारे में एक विचार दिया है। उसके बाद अदालत परिसर और विभिन्न स्थानों का अवलोकन किया, जिससे विद्यार्थी जनता की समस्याओं को हल करने में मदद कर सकें। इसके बाद 3-4 विद्यार्थियों के समूह बनाए और उन्हें लोक अदालतों की बैठकों का निरीक्षण करने के लिए अदालत में चारों तरफ निगाह बनाए रखने और लोगों केे मार्गदर्शन करने का निर्देश दिया। इस तरीके विद्यार्थियों को यह जानकारी प्राप्त हुई कि न्याय के लिए अदालत में किस सीढ़ी पर पहुंचना आवश्यक है।

इस प्रक्रिया के दौरान विद्यार्थियों ने बहुत से लोगों के साथ बातचीत की और किताबों में उल्लेखित समस्याओं के अलावा जमीनी स्तर की समस्याओं को जाना। साथ ही विद्यार्थियों को गहनता से कानून के बारे में जानकारी देने के लिए न्यायायिक मजिस्ट्रेट निशांत चैहान और एडवोकेट नीरज राठौर से जीएलए विधि संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर आईके सिंह ने अनुरोध किया। अनुरोध पर विद्यार्थियों को न्यायायिक मजिस्ट्रेट ने कानूनी पेशे और अदालत के महत्व के बारे में बताया।

लोक अदालत का दौरा कर लौटे विद्यार्थियों ने संस्थान के डीन प्रो. सोमेश धमीजा से मुलाकात की। इस दौरान प्रो. धमीजा ने बताया कि विश्वविद्यालय का विधि संस्थान प्रत्येक विद्यार्थी को कानूनी विशेषज्ञ के तौर पर देखना चाहता है। यही कारण है कि विद्यार्थियों को समय-समय पर अदालतों का भ्रमण एवं बेहतर कानून की जानकारी हेतु न्यायालयों के विशेषज्ञों के माध्यम से जानकारियां प्रदान की जाती हैं।

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