- जीएलए विश्वविद्यालय के लॉ संस्थान ने राष्ट्रीय स्तर पर मूट कोर्ट प्रतियोगिता का किया आयोजन
दैनिक उजाला, मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च की मूट कोर्ट समिति द्वारा भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, नई दिल्ली के सहयोग से दो दिवसीय “जीएलए मूट कोर्ट प्रतियोगिता, 2025” का आयोजन किया। प्रतियोगिता में बीए एलएलबी (ऑनर्स), बीकॉम एलएलबी(ऑनर्स), बीबीए एलएलबी (ऑनर्स) और एलएलएम के छात्रों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की कुल 32 टीमों ने प्रतिभाग किया। टीमों में चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पटना, राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ, धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जबलपुर, महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, मुंबई और डा. बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत शामिल रहे। अन्य टीमों में सिम्बायोसिस लॉ स्कूल पुणे, एमिटी यूनिवर्सिटी मुंबई, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, गलगोटिया यूनिवर्सिटी, आईसीएफएआई, जयपुर, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, उषा मार्टिन यूनिवर्सिटी, एसआरएम यूनिवर्सिटी, एसजीटी यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं शामिल रहे।
शुभारंभ सत्र के आरंभ में अपने स्वागत उद्बोधन में जीएलए विश्वविद्यालय के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं नवोदित वकीलों को व्यावहारिक कानूनी कौशल और अदालती अनुभव प्रदान करती हैं तथा उनके शोध, मौखिक वकालत और लेखन क्षमताओं को निखारती हैं। सत्र में मुख्य अतिथि, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता ने मूट कोर्ट प्रतियोगिता के महत्व, भारत में प्रतिस्पर्धा अधिकारियों के लिए चुनौती, प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रथाओं को रोकने में एआई की भूमिका, प्रतिस्पर्धा अधिनियम में बदलाव और संशोधन, संशोधित दंड व्यवस्था, रियायत प्रावधानों का दायरा और प्रतिस्पर्धा कानून के महत्व जैसे विभिन्न पहलुओं पर जोर दिया।
जीएलए विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च के डीन प्रोफेसर डा. सोमेश धमीजा ने प्रतियोगिता की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए समस्त प्रतिभागियों एवं अतिथियों को मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं के महत्व के बारे में बताया, जो छात्रों को उनकी आलोचनात्मक सोच, वकालत कौशल और प्रभावी ढंग से बहस करने की क्षमता को तेज करने के लिए एक मंच प्रदान करती हैं, जो एक सफल कानूनी करियर के लिए आवश्यक हैं।
इस अवसर पर जीएलए के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च के एसोसिएट डीन डा. आलोक वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि प्रतिस्पर्धा अधिनियम प्रतिस्पर्धा विरोधी प्रथाओं जैसे कार्टेल, प्रभुत्व का दुरुपयोग और प्रतिस्पर्धा विरोधी समझौतों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है।
आयोजन के बारे में
प्रारंभिक दौर की शुरुआत कोर्ट मास्टर द्वारा सभी प्रतिभागियों और जजों को विस्तृत जानकारी देने से हुई। अपने-अपने कमरों में, प्रत्येक टीम के वक्ताओं ने आवंटित समय का पालन करते हुए, एक सुव्यवस्थित तरीके से अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए। प्रस्तुतियों के बाद, जजों ने क्रॉस-क्वेश्चनिंग में भाग लिया, टीमों द्वारा प्रस्तुत तर्कों की गहन जांच की और निर्णय सुनाए। वादी और प्रतिवादी से जुड़े मामले में सेमीफाइनल दौर में चल रही कानूनी लड़ाई में दोनों टीमों के वकीलों के बीच कई गहन चर्चाएं भी हुईं, जिसमें पेटेंट कानून, निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के बारे में महत्वपूर्ण कानूनी जटिलताओं पर प्रकाश डाला गया।
जीएलए मूट कोर्ट प्रतियोगिता के समापन सत्र के अतिथियों में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीसी गुप्ता, मथुरा के जिला न्यायाधीश आशीष गर्ग, सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश एवं पूर्व अध्यक्ष जिला उपभोक्ता फोरम मथुरा योगेंद्र सिंह, मथुरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्सव गौरव राज, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के पूर्व सचिव प्रमोद कुमार सिंह और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के निदेशक नंदन कुमार आदि शामिल रहे।
समापन सत्र में जीएलए इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च के डीन प्रोफेसर डा. सोमेश धमीजा ने सभी न्यायाधीशों का स्वागत किया तथा आयोजक टीम के अथक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रतिष्ठित न्यायाधीशों का परिचय दिया तथा उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीसी गुप्ता ने अपने उद्बोधन में न्यायायिक प्रक्रिया हेतु छात्र-छात्राओं की तैयारी के लिए मूट कोर्ट प्रतियोगिता के महत्व पर जोर देते हुए इस तरह की अनुकरणीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जीएलए विश्वविद्यालय की सराहना की। मथुरा के जिला न्यायाधीश आशीष गर्ग ने आज कानूनी पेशे में उपलब्ध विभिन्न कैरियर अवसरों पर चर्चा की तथा कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में मूट कोर्ट प्रतियोगिता के माध्यम से छात्र-छात्राओं को बेहतर कानूनी समझ विकसित करने हेतु प्रोत्साहित किया, उन्होंने देश के विभिन्न कोनों से आये प्रतिभागी छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाते हुए उनकी सहभागिता हेतु उन्हें सुभाशीष प्रदान किया। मथुरा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्सव गौरव राज ने कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की सराहना की तथा समस्त प्रतिभागी छात्र-छात्राओं प्रतिभाग हेतु सराहा।
कार्यक्रम के आयोजन में उत्कृष्ट प्रयासों के लिए जीएलए विधि विभाग की सराहना की। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के पूर्व सचिव प्रमोद कुमार सिंह ने विभिन्न कानूनों के ओवरलैप तथा कानूनी क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव को संबोधित करते हुए हाल के कानूनी निर्णयों पर चर्चा की। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के निदेशक नंदन कुमार ने निर्णय लेते समय आवश्यक न्यायिक मानसिकता के बारे में बताया। उन्होंने प्रतिभागियों की प्रशंसा की और मूट प्रस्ताव की जटिलता और प्रासंगिकता की सराहना की। जीएलए यूनिवर्सिटी मथुरा के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च के एसोसिएट डीन डा. आलोक वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन किया। उन्होंने आयोजन को सफल बनाने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, नई दिल्ली सभी गणमान्य व्यक्तियों, न्यायाधीशों, संकाय सदस्यों, छात्रों और जीएलए यूनिवर्सिटी का आभार व्यक्त किया।
मूट कोर्ट प्रतियोगिता विजेता
- सर्वश्रेष्ठ मेमोरियलः जीएलए टीसी20 – डीएमई लॉ स्कूल (जीजीएसआईपीयू)
- सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ताः जीएलए टीसी22 – कलश सिंह, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय
- सर्वश्रेष्ठ मूटरः जीएलए टीसी07 – प्रत्यक्ष शर्मा, एमिटी लॉ स्कूल, ग्वालियर, (मप्र)
- द्वितीय रनर-अपः जीएलए टीसी26 – एसडीएम लॉ कॉलेज, मैंगलोर
- प्रथम रनर-अपः जीएलए टीसी31 – लॉ कॉलेज देहरादून, उत्तरांचल विश्वविद्यालय
- विजेताः जीएलए टीसी02 – चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटना, बिहार
कार्यक्रम में एडवोकेट मुकुल लाठर, एडवोकेट देवेश चौविया, एडवोकेट अनीश सिंह, एडवोकेट वरूण सिंह चौहान, एडवोकेट प्रशांत सरीन इत्यादि की भी सहभागिता रही। इस कार्यक्रम के सह-प्रायोजक ’आशाएं ज्यूडिशियरी’ और मीडिया पार्टनर ’लॉ भूमि’ रहे। जीएलए विश्वविद्यालय की मूट कोर्ट कमेटी में संकाय समन्वयक कृति शर्मा, संकाय सह-समन्वयक आशिमा सिंह ताल्यान, कमेटी के छात्र अध्यक्ष माधव गोस्वामी और उपाध्यक्ष अवधेश प्रताप सिंह मुख्य रूप से शामिल रहे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रो. अरूणा धमीजा, डा. श्वेता गुप्ता, डा. सरोज छावडा, डा. अंकिता शर्मा, डा. कपिल बंसल, डा. अरूणांशु दुबे, डा. ज्योति शर्मा, डा. भानु प्रताप सिंह, डा. अनुज कुमार सिंह, डा. आरके पांडेय, डा. मधुलिका मिश्रा, डा. तरूण प्रताप तथा डा. विजय कुमार इत्यादि शामिल रहे।