लखनऊ : अब स्कूलों में मोबाइल फोन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। विद्यार्थी और शिक्षक इसका प्रयोग स्कूल परिसर में नहीं कर सकेंगे। यदि वे मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पकड़े गए तो दंड दिया जाएगा। पहले चेतावनी व जुर्माना होगा और यदि इसके बाद भी इनके पास मोबाइल मिला तो निष्कासन तक किया जाएगा।

मोबाइल फोन के कारण आए दिन हो रही घटनाओं को देखते हुए स्कूलों के लिए बन रही सुरक्षा एवं संचालन नियमावली में इसका प्रविधान किया जाएगा। शुक्रवार को इसके लिए बनाई गई 11 सदस्यीय कमेटी की बैठक में तमाम बिंदुओं पर चर्चा की गई।

बता दें कि, स्कूलों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल से काफी घटनाएं देखने को मिली है। इन घटनाओं को देखते हुए ‘एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश’ ने चिंता शिक्षा विभाग के सामने रखी है। शिक्षा विभाग को कहा गया है कि स्कूलों की घटनाओं के पीछे जिम्मेदार मोबाइल है। इसलिए स्कूलों में मोबाइल के इस्तेमाल को बैन किया जाए। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश की मांग पर विचार करने के लिए शुक्रवार को 11 सदस्यीय कमेटी की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में मोबाइल फोन बैन करने के मुद्दे पर चर्चा की गई। जिसके बाद स्कूलों में मोबाइल फोन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया।
स्कूल में कोई घटना होने पर उसकी जांच डिप्टी एसपी या उससे ऊपर के अधिकारी से कराई जाए। अभी थानेदार जांच के लिए बुलाते हैं और उनका बर्ताव ठीक नहीं रहता। अगर आरोप झूठे पाए जाएं तो अभिभावक के खिलाफ भी कार्रवाई की व्यवस्था की जाए। घर से स्कूल आने और स्कूल से वापस घर जाने के दौरान यदि रास्ते में कोई घटना छात्र के साथ हुई हो तो उसके लिए विद्यालय प्रबंधन को जिम्मेदार न ठहराया जाए।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के संयुक्त शिक्षा निदेशक (लखनऊ मंडल) प्रदीप कुमार ने बताया कि बैठक में मोबाइल फोन पर सख्ती के साथ प्रतिबंध लगाने पर चर्चा हुई और इसके लिए नियमावली में व्यवस्था की जाएगी। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कार्यालय में हुई बैठक में कमेटी के सदस्य व अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि प्रधानाचार्य, शिक्षक व प्रबंधतंत्र के लिए नियम बनाने के साथ अभिभावकों की भी जवाबदेही तय की जाए।

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