मथुरा : आगरा एंटी करप्शन की टीम द्वारा 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए बीएसए कार्यालय के लिपिक ब्रजराज सिंह को पुलिस बुधवार देर रात मेरठ लेकर गई। वहां एंटी करप्शन के रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया गया। वहां उसकी रिमांड मंजूर हो गई। इसके बाद जेल भेज दिया गया है।
इधर, ब्रजराज सिंह ने बयान दिया है कि उसने बीएसए सुनील दत्त के कहने पर रिश्वत मांगी थी। इसके पीछे तर्क दिया है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति का नोटिस बीएसए द्वारा जारी किया गया था। नोटिस का निस्तारण उन्हीं का अधिकार क्षेत्र है। रिश्वत में से कुछ हिस्सा बीएसए द्वारा स्वेच्छा से उसे दिया जाना तय था।
वृंदावन के जूनियर हाईस्कूल में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रामेश्वर सिंह ने एंटी करप्शन टीम को बताया है कि जिस हाजिरी रजिस्टर में हस्ताक्षर की गड़बड़ी का उन पर आरोप है। वह ठीक नहीं है। माथे में ट्यूमर है, जिससे उनकी आंखों की रोशनी कम हो गई है। इसका इलाज चल रहा है। स्कूल में उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करते है तो आंखों की रोशनी कम होने के कारण से हस्ताक्षर एक जैसे नहीं हो पाते हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त द्वारा अपने निरीक्षण में कहा था कि उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर अलग-अलग हैं, ऐसा लग रहा है कि आपके द्वारा हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। किसी अन्य व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं। आप विद्यालय नहीं जाते हैं।
एंटी करप्शन की टीम ने 15 जून को ही कर ली थी गोपनीय जांच
रामेश्वर सिंह के बेटे धर्मेंद्र सिंह ने 14 जून को एंटी करप्शन, आगरा कार्यालय में शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि उनके पिता को लगातार अनिवार्य सेवानिवृत्ति के नोटिस जारी किए जा रहे हैं। निस्तारण की एवज में कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक ब्रजराज सिंह द्वारा 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। इसके बाद इंस्पेक्टर संजय राय, एंटी करप्शन ने 15 जून को आकर कार्यालय में गोपनीय जांच की। इसके बाद उन्होंने रिपोर्ट दी थी कि ब्रजराज सिंह भ्रष्ट है। उन्हें ट्रैप किया जा सकता है। इसके बाद दो टीम गठित की गई है।
बुधवार को सुबह 5 बजे टीम मथुरा आ गई। डीएम के पास पहुंची। डीएम ने दो सरकारी लोकसेवकों स्वतंत्र गवाह के रूप में टीम के साथ भेजा। इसके बाद 8.30 बजे करीब धर्मेंद्र सिंह ने तय प्लान के अनुसार ब्रजराज सिंह को स्टेट बैंक के बगल में स्टेशन रोड स्थित मां कामाख्या मिष्ठान एवं फास्ट फूड सेंटर में बुलाया। वहां ब्रजराज सिंह ने जैसे ही 500-500 रुपये के नोटों की 25 हजार रुपये की गड्डी ली। तभी एंटी करप्शन की टीम ने ब्रजराज सिंह को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।