- पहले भी इस कंपनी ने ई-रिक्शा पर लगाए थे क्यूआर कोड़, अवैध वसूली के लगे थे आरोप, प्रशासन ने फिर से उसी कंपनी को थमाया कार्य
- स्थानीय कंपनी अकीली सिस्टम के निदेशक बोले ई-रिक्शा चालकों को ऐसे क्यूआर कोड़ की व्यवस्था वह 500 से कम में ही देते
- जब स्थानीय कंपनी ई-रिक्शा पर क्यूआर कोड़ 500 रूपए से कम में लगाने को तैयार थी तो जिला प्रशासन ने राजस्थान की कंपनी को क्यों चुना
दैनिक उजाला, मथुरा/वृंदावन : अक्सर व्यावसायिक फर्मों के स्वामियों को आस रहती है कि उन्हें अपने लोकल यानि जिले लेवल पर कार्य मिल जाये, लेकिन अगर प्रशासनिक अधिकारी ही ‘वोकल फॉर लोकल‘ की भावना को ठुकरा दें तो स्थानीय स्तर पर संचालित व्यावसायिक फर्मों के स्वामियों के मन को ठेस पहुंचना तय है। ऐसा ही कुछ वृंदावन में संचालित ई-रिक्शा पर लगने वाले रूट क्यूआर कोड को लेकर हुआ है।
बीते वर्षों ही राजस्थान की एक कंपनी पीएसए टेक्नोलॉजी को जिला प्रशासन ने ई-रिक्शा रूट के मानकों पर खरा उतरने के लिए कार्यभार सौंपा था जो कि कुछ माह ही ठीक से चला कि ई-रिक्शा चालकों ने एकजुट होकर कंपनी पर अवैध वसूली के आरोप लगाए। जिसके बाद यह व्यवस्था अव्यवस्था में बदल गई और कंपनी ने कार्य छोड़ दिया।
इसके बाद ई-रिक्शा चालकों के हित में कार्य करने के लिए स्थानीय कंपनी अकीली सिस्टम के निदेशक प्रवीन उपाध्याय ने एसपी ट्रेफिक, एसएसपी, डीएम तथा मंडलायुक्त के सामने वृंदावन ई-रिक्शा रूट को सुगमता से संचालन हेतु अपना ब्यौरा सौंपा, लेकिन किसी अधिकारी ने इस ब्यौरे पर विचार करने को सोचा तक नहीं। बीते दिनों पीएसए कंपनी को फिर से जिला प्रशासन ने वृंदावन में ई-रिक्शा पर रूट क्यूआर कोड उपलब्ध कराने का जिम्मा दे दिया है।
मथुरा की कंपनी अकीली सिस्टम के निदेशक प्रवीन उपाध्याय कहते हैं कि जिस प्रकार राजस्थान की कंपनी ने ई-रिक्शा चालकों को अधिक धनराशि में रूट क्यूआर कोड़ उपलब्ध कराये जाने का जिम्मा उठाया वह गरीबों के हित में बिल्कुल भी सही नहीं है। दूसरा यह है कि बाहर की कंपनी को वृंदावन की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी कैसे हो सकती है। लोकल स्तर पर लोकल कंपनी को ही यह कार्य दिया जाता तो और बेहतर तरीके से यह कार्य हो सकता था। इसके अलावा लोकल ई-रिक्शा स्वामियों से भी अच्छी तरीके से एक लोकल व्यक्ति ही मुखातिब हो सकता है, लेकिन जिला प्रशासन नहीं चाहता कि कोई भी लोकल व्यक्ति आगे बढ़े।
ई-रिक्शा चालकों में भी रोष
ई-रिक्शा चालकों में राजस्थान की कंपनी को अवैध वसूली कर क्यूआर कोड उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था को लेकर भारी रोष है। ई-रिक्शा चालकों का मानना है कि अगर यही व्यवस्था जिला प्रशासन लोकल कंपनी को देता तो उनसे अच्छी तरीके समझाकर यानि मुखातिब होकर समस्या का समाधान हो सकता था, लेकिन ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन ने कोई सांठगांठ कर बाहर की कंपनी को यह कार्य सौंपा है।
ई-रिक्शा वृन्दावन रजिस्ट्रेशन फॉर्म
वृंदावन में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने और सभी वृंदावन ई-रिक्शा चालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन इस फॉर्म के माध्यम से वृंदावन में आपके ई-रिक्शा के लिए एक रूट आवंटित करेगा।