• बीते दिन एंटी करप्शन की टीम द्वारा बीएसए के बाबू को रंगे हाथ रिश्वत लेते किया गया गिरफ्तार
  • …तो बाबूओं के माध्यम से होती है बीएसए के लिए धन उगाही, रिमांड के दौरान लिपिक ब्रजराज सिंह ने कबूला

दैनिक उजाला, मथुरा : जिले की प्राथमिक शिक्षा की स्थिति दयनीय है। जिले में 1500 के करीब विद्यालय हैं। इनमें से सैकड़ों विद्यालय विद्यालय ऐसे हैं, जो कि दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्र में हैं। जहां अधिकारियों को पहुंचने में परेशानी दिखती है। यही कारण है कि ऐसे स्कूलों में तैनात शिक्षकां की उपस्थिति स्कूलों में नहीं होती और यह जानकारी बीएसए और एडी बेसिक बखूबी जानते हैं। बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं और खुलेआम बाबूओं के माध्यम धन उगाही हो रही है!

बीएसए के लिए बाबूओं द्वारा की जाने वाली रिश्वत के बारे में शिक्षक नेता अधिक जानते हैं। इसके अलावा जिले में ऐसे शिक्षक हैं, जो इन कार्यों को अंजाम दिलाने का कार्य करते हैं। स्थिति ये हो गई है अब बेसिक शिक्षा कि पढ़ाई का तो नाम बहुत दूर की बात है। खुद स्थानीय इन विद्यालयों की ओर झांकना तक पसंद नहीं करते हैं।

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लखनऊ में बैठे अधीनस्थ अधिकारियां द्वारा अगर जमीं पर उतरकर निरीक्षण किया जाय तो, ऐसे खेलों के खुलासे हों, जिससे दांतों तले उंगली दबाने के लिए मजबूर होना पडे़गा। पटल पर वाकई बहुत बड़ा खेल नजर आता है, लेकिन जो हो रहा है वह सिर्फ और सिर्फ सरकार की आंखों में खुलेआम धूल झोंककर किया जा रहा है। एडी बेसिक जैसे अधिकारी भी मथुरा जिले के स्कूलों में न जाने वाले शिक्षकों के बारे में बखूबी जानते हैं। ऐसा नहीं है कि मथुरा जिले एडी बेसिक के पास अभी तक किसी शिक्षक की शिकायत तक न गयी हो। सैकड़ों एक-एक शिक्षक किसी न किसी के माध्यम से पहुंचती और वह कूडे़दान में डाल दी जाती है। कारण साफ है कि बाबूओं के द्वारा उगाही कर बेसिक शिक्षकों अफसरों की जेब गर्म की जा रही है।

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