दैनिक उजाला, मथुरा : महाभिषेक के बाद 30 मिनट के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। इस दौरान राधा रानी का श्रृंगार किया गया। राधा रानी को मथुरा और फर्रुखाबाद के कारीगरों द्वारा तैयार रेशम के धागे से जरी और जरदोजी के काम की हुई पीले रंग की पोशाक धारण कराई गई।
इसके साथ ही उनको 50 लाख से ज्यादा कीमत के आभूषण पहनाए गए। इन आभूषणों में 22 लाख रुपए कीमत का वह हार भी था, जिसे दिल्ली के एक भक्त ने राधा अष्टमी के लिए दान किया था।
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लाडली जी का मंदिर ब्रह्मांचल पर्वत पर है। श्रद्धालुओं का सैलाब आधी रात से मंदिर में पहुंचने लगा।

मंदिर के रास्तों और परिसर में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।
सोने की पालकी में बैठी राधा रानी ने दिए दर्शन शाम के समय राधा रानी को मंदिर के पुजारी सोने से बनी पालकी में बैठाया गया। फिर उन्हें महल से नीचे बनी सफेद छत्री पर लाया गया। यहां विदेशी फूलों से सजी सफेद छत्री में राधा रानी को विराजमान किया गया। यहां 2 घंटे तक राधा रानी ने भक्तों को दर्शन दिए। इस दौरान उन पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई।

राधा अष्टमी पर करीब 15 लाख श्रद्धालु वृंदावन-बरसाना पहुंचे।

तस्वीर में राधा रानी मंदिर में भक्त नाचते गाते दिख रहे हैं।
बरसाना में कोलकाता के कारीगरों ने 51 द्वार बनाए राधा अष्टमी पर बरसाना में बेहद ही आकर्षक सजावट की गई। यहां कोलकाता के कारीगरों ने 51 स्वागत द्वार बनाए। जिन पर लाइट के जरिए भगवान की लीलाओं को दर्शाया गया। श्रीजी मंदिर पर की गई लाइटिंग बेहद आकर्षक थी। दूर से राधा रानी का महल बहुत भव्य नजर आ रहा था।
वृंदावन में निकेलगी शोभायात्रा राधा अष्टमी के अवसर पर वृंदावन में बड़ी शोभायात्रा निकाली गई। यहां के प्रसिद्ध राधा बल्लभ मंदिर के अलावा सूरदास आश्रम से भक्तों ने राधा रानी के जन्म की खुशी में नगर में बधाई गायन किया। भक्त बैंड बाजों की धुन के बीच राधा प्यारी ने जन्म लियो है गाते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा शहर के विभिन्न रास्तों से होकर निकली।