दैनिक उजाला, लखनऊ : मायावती ने आज लखनऊ में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाई। इस बैठक में मायावती ने बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर रहे आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया है। इसके अलावा इसमें कहा गया है कि आनंद कुमार को रामजी गौतम को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी है। इससे पहले भी मायावती और आकाश आनंद के बीच विवाद होते रहे हैं। मायावती पहले ही अपने समधी और कई राज्यों के प्रभारी रहे अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल चुकी हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर रह चुके आकाश आनन्द को चेतावनी दे चुकी थी। आकाश आनंद मायावती के भतीजे हैं।

बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में बसपा के तमाम पदाधिकारी शामिल हुए। हालांकि मायावती के भतीजे आकाश आनंद इस मीटिंग में शामिल नहीं हुए। आकाश आनंद बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर थे। पिछले दिनों मायावती ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया था। इसके साथ ही मायावती ने हाल में ही अपने भतीजे आकाश आंनद को चेतावनी भी दी थी। वहीं अब मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से हटा दिया है।

जीते जी कोई नहीं होगा उत्तराधिकारी

इससे पहले भी लोकसभा चुनाव के दौरान मायावती ने आकाश आनंद को अपरिपक्व बताकर अपना उत्तराधिकारी बनाने से मना कर दिया था। हालांकि फिर 47 दिन बाद ही जून 2024 में मायावती ने बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था। आकाश आनंद ने बुआ मायावती का पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया था। अभी 15 फरवरी को मायावती ने आकाश आनंद के ससुर आशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया। वहीं आज भी मायावती ने आकाश आनंद को सभी पदों से मुक्त करते हुए कहा कि उनके जीते जी कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा।

मायावती का पुराना पोस्ट

इससे पहले मायावती ने x पर लिखा था कि ‘बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने हेतु, मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है। इसी क्रम में मान्यवर श्री कांशीराम जी की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें। अतः मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरे जीतेजी भी पार्टी व मूवमेन्ट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी जब वह भी, श्री कांशीराम जी के अन्तिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह, पार्टी व मूवमेन्ट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे।’

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