कानपुर : शाहजहांपुर निनायां गांव में गुरुवार रात दो सगे भाइयों की पीटकर हत्या कर दी गई है। परिवार की महिलाएं और बच्चों समेत छह लोग घायल हैं। रात में पिकअप खड़ा करने को लेकर विवाद हुआ। इसके बाद आरोपी पक्ष ने नशेबाजी में लाठी डंडे से हमला बोल दिया। मरने वाले दोनों सगे भाई वृद्ध हैं। शुक्रवार सुबह ग्रामीणों की मौके पर भीड़ लग गई। एसपी भारी पुलिस बल लेकर गांव पहुंचे। घटना की वजह की बारीकी से पड़ताल की। गांव के लोगों ने बताया कि जिस जमीन में आरोपी पिकअप खड़ा करता था, वहां पीड़ित पक्ष आवास बनाना चाह रहा था।
यह घटना गजनेर थाना क्षेत्र की है। शाहजहांपुर निनायां गांव निवासी मोहन शुक्ला के पास पिकअप (लोडर) है। वह रात में पिकअप लेकर लौटा। उसने घर के पास ही रामवीर के घर के सामने खड़ा कर दिया। रामवीर (60) व इनके भाई सत्यनरायन शर्मा (70) ने विरोध किया। इस पर मोहन गाली गलौज करता हुआ चला गया। कुछ ही देर बाद वह परिवार के कई अन्य लोगों के साथ लाठी डंडों से लैस होकर आ गया। सत्यनारायन व रामवीर को लाठी डंडे से पीटना शुरु कर दिया। बुजुर्ग सत्यनारायन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि गंभीर रुप से घायल रामवीर ने कानपुर हैलट में दम तोड़ दिया। आरोपियों ने रामवीर की पत्नी मधु, बेटी मीनू, काजल व बेटा संजू समेत छह लोगों को पीटकर घायल कर दिया। इनका कानपुर हैलट में उपचार चल रहा है। घटना के बाद गांव में हडक़ंप मच गया। दो लोगों की हत्या की सूचना पर ग्रामीणों की मौके पर भारी भीड़ एकत्र हो गई।

एसपी बीबीजीएस मूर्ति, एएसपी राजेश कुमार पांडेय, सीओ सदर अरूण कुमार सिंह शुक्रवार सुबह मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से घटना के बावत जानकारी ली। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि प्लाट में लोडर खड़ा करने को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद आरोपी पक्ष ने नशे की हालत में शर्मा परिवार पर हमला बोल दिया। बेरहमी से बुजुर्ग भाइयों व उनके परिवार को पीटा। रात होने की वजह से गांव के लोगों को घटना की जानकारी समय से नहीं हो सकी। आरोपी ताला बंद कर घर से फरार हो गए। एसपी ने बताया कि घटना के हर बिंदु पर छानबीन की जा रही है। घटना के मुख्य आरोपी मोहन शुक्ला, अंजली शुक्ला व प्रिया शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगा दी गई हैं।
डबल मर्डर की ये रही असली वजह
डबल मर्डर के आरोपी मोहन शुक्ला के पूर्वज गांव के कई लोगों को करीब 12 बिस्वा जमीन बेंच गए थे। उसमें सभी लोग अपने हिसाब से मकान बनाकर रह रहे हैं। मोहन शुक्ला के पूर्वजों से गांव के ही धून बारी ने करीब दो बिस्वा जमीन खरीदी थी। वो जमीन धून बारी ने पांच साल पहले गांव के रामवीर शर्मा व सत्यप्रकार को करीब 75 हजार रुपये में बेंच दी। खास बात ये रही कि शुरू से लेकर अंत तक जमीन की बिक्री सिर्फ मौखिक रूप से होती रही। गांव के बुजुर्ग लोगों के बीच से रुपये का लेनदेन होने के बाद आपसी सहमत से कब्जा दे दिया गया लेकिन जमीन आज भी मोहन शुक्ला आदि के नाम है।