मुंबई : महाराष्ट्र के भिवंडी इलाके में मंगलवार देर रात गणेश विसर्जन जुलूस पर कुछ लोगों ने पथराव किया। इसमें मूर्ति खंडित हो गई।
ठाणे के एडिशनल कमिश्नर ज्ञानेश्वर चव्हाण ने बताया- मंगलवार रात करीब 12 बजे एक धर्मस्थल के पास कुछ लोगों ने पथराव कर दिया, इससे विसर्जन के लिए जा रही मूर्ति खंडित हो गई।
पथराव वंजरपट्टी नाका पर उस समय हुआ, जब घुघट नगर से मूर्ति को विर्सजन के लिए कामवारी नदी ले जाया जा रहा था। पत्थरबाजी की खबर लगते ही लोग घटनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करने लगे। दोनों पक्षों के लोग वंजरपट्टी नाका पर जमा हो गए।
एक गुट ने कहा कि जब तक पत्थरबाजों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक विसर्जन नहीं होगा। दोनों गुटों में हाथापाई होने लगी, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। लाठीचार्ज में कुछ लोगों को चोटें आई हैं। कुछ पुलिसवाले भी घायल हुए।
पुलिस सूत्रों ने कहा- एक युवक को भीड़ ने पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया। इसी युवक पर मूर्ति खंडित करने का आरोप है।
देर रात हिंसक झड़प की तीन तस्वीरें…
झड़प के दौरान कई लोग घायल हुए। स्थिति संभालने के लिए पुलिस देर रात मौके पर पहुंची।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पथराव के बाद एक गुट ने जय श्री राम के नारे लगाए।
दो गुटों में धक्का-मुक्की के दौरान पुलिस वाले भी घायल हुए थे। इसके बाद लाठीचार्ज किया गया।
टकराव को टालने में जुटा पुलिस-प्रशासन लाठीचार्ज के बाद भाजपा विधायक महेश चौघुले समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को शांत करने की कोशिश की। इसी दौरान दूसरे धर्मस्थल पर भी बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए।
DCP श्रीकांत परोपकारी ने बताया कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। पत्रकारों और मोहल्ला कमेटी के लोगों को बुलाया गया है, ताकि किसी तरह का टकराव ना हो। भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया है। प्रशासन अलर्ट पर है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। फिलहाल भिवंडी में शांति है। शहर में पुलिस जवानों की तैनाती बढ़ाई गई है।
8 दिन में देश में गणेश पंडाल पर पथराव की यह तीसरी घटना देशभर में 8 दिनों के अंदर गणेश पंडाल पर पथराव की यह तीसरी घटना है। इससे पहले 10 सितंबर को गुजरात के सूरत में भी एक गणेश पंडाल पर पथराव हुआ था। इसमें पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों के घरवाले सैकड़ों लोगों के साथ प्रदर्शन करने लगे थे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ था। इलाके में देर रात तक जमकर हिंसा हुई। पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस मामले में 28 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
इसके अलावा 11 सितंबर को भी कर्नाटक के मांड्या में गणपति विसर्जन जुलूस पर पथराव हुआ था। इसके बाद एक गुट ने हिंसक प्रदर्शन किया था। इलाके की कुछ दुकानों और वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी गई थी। भीड़ को तितर-बितर करने पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। कन्नड़ न्यूज चैनलों के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जुलूस पर पत्थरों के अलावा तलवार, रॉड और जूस की बॉटल से भी हमला किया गया। इस घटना में 15 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।