नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने रोड शो के बाद वायनाड लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ भाई राहुल गांधी, मां सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद रहे।

प्रियंका ने नामांकन से पहले कहा- जब मैं 17 साल की थी, तब मैंने पहली बार पिता के लिए 1989 में कैंपेन किया था। तब से इन 35 साल के दौरान मां, भाई के लिए वोट मांगें। अब पहली बार खुद के लिए समर्थन मांग रही हूं।

प्रियंका गांधी पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। भाजपा ने उनके खिलाफ नाव्या हरिदास को उतारा है। नाव्या ने प्रियंका के नॉमिनेशन को लेकर कहा- प्रियंका वायनाड में 7 दिन रहेंगीं, लेकिन मैं पूरे 5 साल काम करूंगी।

लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने गांधी परिवार की पारंपरिक रायबरेली सीट को चुना और वायनाड छोड़ दी।

चुनाव आयोग ने 15 अक्टूबर की दोपहर को 13 राज्यों की 47 विधानसभा और लोकसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी। इनमें केरल की वायनाड और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीटें शामिल हैं।

नॉमिनेशन के पहले प्रियंका गांधी ने रोड शो निकाला। इस दौरान राहुल गांधी भी उनके साथ थे।

नॉमिनेशन के पहले प्रियंका गांधी ने रोड शो निकाला। इस दौरान राहुल गांधी भी उनके साथ थे।

प्रियंका गांधी ने केरल में स्थानीय नेताओं की मौजूदगी में नामांकन पेपर पर साइन किए।

प्रियंका गांधी ने केरल में स्थानीय नेताओं की मौजूदगी में नामांकन पेपर पर साइन किए।

प्रियंका की स्पीच की 4 बातें…

लैंडस्लाइड के दौरान मैंने एक बात नोटिस की। यहां डॉक्टर, शिक्षक, गृहिणी, सभी एक-दूसरे की मदद करने में लगे हुए थे। वे बिना किसी लालच के करुणा, प्यार, स्नेह और साहस के साथ एक-दूसरे को सपोर्ट कर रहे थे। आपके परिवार का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है।

जो लोग सत्ता में हैं, उन्होंने सत्ता में बने रहने के लिए नफरत का इस्तेमाल किया। उन्होंने अलगाव पैदा किया। यह वह राजनीति नहीं है जिस पर हमारा राष्ट्र बना था। महात्मा गांधी के नेतृत्व में हमारा स्वतंत्रता आंदोलन समानता और हर धर्म के प्रति सम्मान से प्रेरित था।

ईसा मसीह हमें विनम्रता के बारे में सिखाते हैं। बुद्ध की शिक्षाएं हमें अहिंसा का मार्ग दिखाती हैं। राष्ट्रवाद की इन्हीं वैल्यूज के लिए आज हम लड़ रहे हैं। हम सत्य, न्याय और समानता के लिए लड़ रहे हैं। इन्हीं मूल्यों ने मेरे भाई को प्रेम और एकता के लिए पूरे भारत में चलने के लिए प्रेरित किया।

कुछ महीने पहले, मैं अपने भाई के साथ वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई गई थी। मैंने तबाही को अपनी आंखों से देखा। मैंने ऐसे बच्चों को देखा जिन्होंने अपना पूरा परिवार खो दिया। मैं उन माताओं से मिली, जिन्होंने अपने बच्चों को खो दिया, जिनका पूरा जीवन लैंडस्लाइड में बह गया।

राहुल ने कहा था- वायनाड का दौरा करता रहूंगा

वायनाड सीट छोड़ते वक्त 17 जून को राहुल ने कहा था- वायनाड और रायबरेली से मेरा भावनात्मक रिश्ता है। मैं पिछले 5 साल से वायनाड से सांसद था। मैं लोगों को उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।

प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड से चुनाव लड़ेंगी, लेकिन मैं समय-समय पर वायनाड का दौरा भी करूंगा। मेरा रायबरेली से पुराना रिश्ता है, मुझे खुशी है कि मुझे फिर से उनका प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलेगा, लेकिन यह एक कठिन निर्णय था।

वायनाड सीट छोड़ने के बाद राहुल ने वहां के लोगों के लिए पत्र भी लिखा था। पत्र में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने के पीछे की अपनी तकलीफ और वहां के लोगों से मिले प्यार के बारे में लिखा था। उन्होंने लिखा था कि मैं पांच साल पहले आपसे मिला था तब मैं आपके लिए एक अजनबी था, फिर भी आपने मुझ पर विश्वास किया।

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