- परिक्रमा मार्ग में स्वच्छ ब्रज-स्वस्थ ब्रज का सन्देश रहा जीएलए
मथुरा : स्वच्छ और स्वस्थ ब्रज हो अपना यह हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। इसी नैतिकता के तहत जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा की टीम पिछले पांच वर्षों से स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी निभाते हुए गोवर्धन परिक्रमा मार्ग में साफ-सफाई से लेकर परिक्रमार्थियों को भक्तिमय वातावरण में ओत-प्रोत करने के लिए राधा-कृष्णा के चित्र दिवालों पर उकेरे गए हैं।
स्वच्छता के प्रति अपने नैतिक कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए जीएलए विश्वविद्यालय की हाॅर्टिकल्चर हाउसकीपिंग, सिविल विभाग टीम सहित दिवालों और पेड़ पौधों पर भक्तिमय चित्रों को उकेरने के लिए चित्रकार भी माह में दो से चार दिन गिरिराज जी परिक्रमा की साज-सज्जा हेतु विजिट करते हैं। इस दौरान हाॅर्टिकल्चर टीम परिक्रमा मार्ग में लगे पेड़ पौधों की साज-सज्जा कर नये पौधे लगाये गए हैं। टीम द्वारा प्रत्येक पौधे की समय-समय पर सिंचाई के लिए विभिन्न प्रबंध किए हैं। सिविल विभाग की टीम परिक्रमा मार्ग में चुबने वाले कंकड-पत्थरों से राहत दिलाने का कार्य कर रही है। कच्चे उबड़-खाबड़ परिक्रमा पर मिट्टी डाली गयी है, जिससे परिक्रमार्थियों को परिक्रमा देने में राहत महसूस हो रही है।
हाउसकीपिंग टीम स्वच्छता के प्रति नजर रखते हुए परिक्रमा मार्ग में साफ-सफाई का कार्य कर रही है। तो इधर जीएलए के चित्रकार राजकुमार मिश्रा परिक्रमार्थियों को सुखद अनुभूति कराने के लिए दीवालों और पेड़ों पर श्यामल छटा की छवि को उकेर रहे हैं।
राजकुमार मिश्रा ने बताया कि उनके द्वारा अब तक पेड़ों पर 50 से 60 की संख्या में गिरिराज, बांसुरी बजाते नंदलाल, राधा-कृश्ण, बाल लीलाओं की विभिन्न स्वरूपों में छवि को उकेरा है। अभी मां यषोदा के द्वारा बाल लीला के दौरान कृश्ण को गाय का दूध पिलाते हुए छवि उकेरी जा रही है। इसमें कई दिनों का समय लगेगा। यही नहीं उन्होंने स्वच्छता के प्रति संदेष फैलाने के लिए जगह-जगह स्चछता के स्लोगन बनाये हैं। इससे परिक्रमार्थी सहित मार्ग में ठेल लगाने वाले लोग भी जागरूक हो रहे हैं।
कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल कहते हैं कि करीब पांच वर्षों से जीएलए की टीम स्वच्छ ब्रज और स्वस्थ ब्रज को लेकर आगे बढ़ रही है। स्वच्छता के लिए दिनों की गिनती की बजाय परिक्रमार्थियों को सहूलियत और वातावरण को और अधिक भक्तिमय में परिवर्तित करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। तीज-त्यौहारों को मद्देनजर रखते हुए भी जीएलए की टीम की गोवर्धन परिक्रमा मार्ग का विजिट करती है। उन्होंने बताया कि जीएलए की टीम ने मार्ग में टूटी-फूटी पड़ी पानी की टंकियों की साज-सज्जा कराकर परिक्रमार्थियों के लिए नेक बना दिया है। इसी नेक कार्य से अब टंकियों से निर्मल धारा बह रही है। उन्होंने बताया कि परिक्रमा मार्ग में द्वापर की विभिन्न विरासत विलुप्त होने के कगार पर थीं उन पर भी कार्य करके सुंदरीकरण का खाका खींचा गया है।
धरोहरों को संभालने में जीएलए आगे
वर्तमान में छात्रों को बेहतर आधुनिक शिक्षा के देने के साथ ही जीएलए ब्रज की धरोहरों को संभालने के लिए अग्रणी है। जीएलए विश्वविद्यालय मथुरा जंक्शन पर साफ सफाई के अलावा स्मारक मित्र के तहत गोवर्धन में कुसुम सरोवर, गोकुल-महावन स्थित रसखान समाधि, ताज बीवी, सुनरख स्थित रामताल, रंगजी मंदिर स्थित ब्रह्मकुंड के अलावा अन्य धरोहरों को संभालने में विश्वविद्यालय अपनी मुख्य भूमिका निभा रहा है।