• एआरटीओ कार्यालय चक्कर काटते-काटते परेशान हैं पुराने लाइसेंस धारक

मथुरा: जिले के एआरटीओ कार्यालय की लापरवाही से पुराने लाइसेंस धारक बहुत परेशान हो गए हैं, लेकिन इस संबंध में एआरटीओ प्रशासन की ओर से बैकलाॅग कार्य न करने का नोटिस इस प्रकार चस्पा कर दिया कि अपनी ओर से तो इतिश्री कर ली, लेकिन पुराने लाइसेंस धारकों को मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का शिकार बना दिया। स्थिति ये है कि पुराने लाइसेंस धारक ये सोचने को मजबूर हैं कि किससे गुहार लगायें।

एआरटीओ प्रशासन द्वारा अपने कार्यालय पर पुराने लाइसेंस धारकों को सूचित करते हुए लिखा है कि सभी मैनुअल लाइसेंस धारकों को सूचित किया जाता है कि मैनुअल लाइसेंस की बैकलाॅब फीडिंग में परिवहन सेवा की वेबसाइट पर अप्रूवल नहीं हो पा रहा है, जिससे कोई पुराना लाइसेंस आनलाइन नहीं हो पा रहा है। इसके संबंध में अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) उत्तर प्रदेश लखनऊ को पत्र एवं एनआईसी कार्यालय को प्रतिलिपि प्रेषित की गयी है। सूचना मिलने के उपरांत ही लाइसेंस बैकलाॅग व आनलाइन का कार्य संपादित करना संभव हो सकेगा।

अब इस नोटिस को पढ़कर पुराने लाइसेंस धारक यूं परेशान हैं कि न तो इस पर कोई तिथि अंकित की गयी है कि यह नोटिस एआरटीओ प्रशासन द्वारा कब भेजा गया। इसके अलावा यह भी कोई अंकित नहीं है कि पुराने लाइसेंस धारकों की समस्या का समाधान उक्त दिनों में समधान होने की संभावना है। इसके बावजूद भी एआरटीओ प्रशासन पुराने लाइसेंस धारकों से मिलने उनको कोई आश्वासन देने से सीधा बचते नजर आ रहे हैं और कह रहे हैं कि नया बनवाओ। पुराने लाइसेंस का कोई रिकाॅर्ड कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।

लाइसेंस धारक राहुल देव कहते हैं कि आखिर इन समस्याओं का समाधान कब और कैसे होगा। एआरटीओ प्रशासन द्वारा हाथ खड़े कर मौखिक बयान जारी कर दिया गया है कि सभी पुराने लाइसेंस धारक नए लाइसेंस तैयार करायें। राहुल कहते हैं कि वह दो बार की क्यों दें। यह गलती एआरटीओ कार्यालय और अधिकारियों की है, जिसका हर्जाना भी वही भुगतें, लेकिन एआरटीओ प्रशासन की हीलाहवाली से सभी परेशान हैं।

राहुल ने सीएम कार्यालय तथा ट्रांसपोर्ट विभाग को एआरटीओ प्रशासन की लापरवाही से अवगत कराया है। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट के माध्यम से सीधे शिकायत प्रेषित की है। देखना यह है कि एआरटीओ प्रशासन कब और कैसे पुराने लाइसेंस धारकों की समस्या सुनेंगे।

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