• खुले में इसलिए नहीं जलाया गया क्योंकि इससे खतरनाक प्रदूषण होने का खतरा था

दैनिक उजाला, डेस्क : अंडमान-निकोबार पुलिस ने अभी हाल में ही देश की अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स की खेप पकड़ी थी। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 36 हजार करोड़ रुपये थी। पुलिस ने अब इसे नष्ट करना शुरू कर दिया है। ड्रग्स इतनी खतरनाक है कि इसे खुले में नहीं जलाया गया। इस ड्रग्स को चिता की आग में जलाया गया। अगर से इसे खुले में जलाया जाता या मिट्टी खोदकर उसमें दबा दिया जाता तो इससे बहुत ज्यादा प्रदूषण होता जोकि लोगों के लिए खतरा पैदा हो सकता था। इसलिए इसे चिता की आग में जलाया जा रहा है। इसकी निगरानी खुद डीजीपी एचएस धालीवाल ने किया। 

इसके नष्ट होने की निगरानी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जीबी पंत अस्पताल जैसी प्रमुख एजेंसियों के प्रतिनिधि भी कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि यह पहल भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करती है। नष्ट करने की प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक वीडियो में रिकॉर्ड किया गया। 

6000 किलोग्राम मेथमफेटामाइन हुआ था बरामद 

बता दें कि दिसंबर 2024 के अंतिम सप्ताह में पुलिस ने लगभग 6000 किलोग्राम मेथमफेटामाइन बरामद किया था। इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत करीब 36000 करोड़ रुपये है। एचजीएस धालीवाल ने इस ऑपरेशन और इसके बाद नष्ट करने को सफल बनाने में उनके अमूल्य समर्थन के लिए भारतीय तटरक्षक बल और अन्य सभी हितधारकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। 

6 लोग हुए थे गिरफ्तार

पुलिस ने यह ऑपरेशन उस समय शुरू किया था जब नेवी के एक विमान ने बैरन द्वीप के पास संदिग्ध मछली पकड़ने वाले जहाज का पता लगाया। जांच में भारी मात्रा में अवैध ड्रग्स मिला। पुलिस ने इस मामले में छह विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। ये ड्रग्स 222 प्लास्टिक के बैग में रखा गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

banner