नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव रोचक होता जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस में नूराकुश्ती जारी है। पर इस वक्त भाजपा की पेशानी पर बल पड़ गया है। वजह है कर्नाटक की जनता की नब्ज को समझने वाले आठ बड़े नेताओं ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। कुछ ने कांग्रेस का दामन थाम लिया तो कुछ जेडीएस में शामिल हो गए हैं। इन सभी नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि, पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया और लगातार हमारी अनदेखी हो रही है। भाजपा से अपनी राहें जुदां करने वालों में दो बड़े नेता पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी है तो दूसरे पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार ने आज ही कांग्रेस ज्वाइन की है। जगदीश शेट्टार ने करीब 5 दशक तक भाजपा की सेवा की। लिंगायत समुदाय में जगदीश शेट्टार का बड़ा मान है। सबसे बड़ी बात है कि, जगदीश शेट्टार का लगभग 25 सीटों पर प्रभाव है।
भाजपा ने कर्नाटक चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों की दो लिस्ट जारी की है। इन दोनों लिस्टों में इन आठ नेताओं का नाम नदारद था। इसका बदला इन नेताओं ने पार्टी छोड़कर दी। इन आठ नेताओं में जगदीश शेट्टार, लक्ष्मण सावदी, पूर्व विधायक डीपी नारीबोल, मंत्री एस अंगारा, विधायक एमपी कुमारस्वामी, विधायक रामप्पा लमानी, विधायक गुली हटी शेखर, एमएलसी शंकर शामिल हैं।
जगदीश शेट्टार लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। और उनका कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए काफी फायदेमंद है। लिंगायत समुदाय के कर्नाटक में 18 फीसद मतदाता हैं। और वो सभी भाजपा समर्थक माने जाते हैं। पर शेट्टार का कांग्रेस में जाना भाजपा के लिए नुकसानदायक है। वे अकेले 20 से 25 सीटों पर असर डाल सकते हैं।