भोपाल : उत्तर प्रदेश के इटावा में गैर ब्राह्मण कथावाचकों के साथ हुई मारपीट और बदसलूकी के मामले में यूपी में मामला गर्माया है। 25 दिन की विदेश यात्रा से लौटे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस पर कहा कि इटावा में जो घटना हुई, वह निंदनीय है।

उन्होंने कहा- अगर कथावाचक ने कोई गलती की थी, तो कानून और न्यायपालिका का सहारा लेना चाहिए था। खुद न्यायाधीश बनने से विद्रोह की स्थिति बनती है। भगवान की कथा किसी जाति विशेष की बपौती नहीं है।

वहीं, इस विवाद पर मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि हमारे देश में ऐसा कोई विवाद नहीं हैं। राम कथा, कृष्ण कथा को लेकर, भागवत को लेकर कोई विवाद नहीं हैं। सबसे बडे़ कथावाचक मुरारी बापू ब्राह्मण नहीं हैं। ब्राह्मणों ने कभी आपत्ति नहीं की।

पहले पढ़िए इस विवाद पर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क्या कहा?

सनातन का प्रचार किसी जाति विशेष का नहीं

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- महर्षि वेद व्यास, वाल्मीकि जी, मीरा, सूरदास, रविदास और कबीरदास जैसे महापुरुषों ने भगवान की चर्चा की, लेकिन किसी ने उनकी जाति नहीं पूछी। उनकी वाणी ही उनकी पहचान रही। भगवान का नाम ही उनकी पहचान है।

कौवा कर्कश बोलता है, लेकिन रामचरितमानस में काग भुशुंडी महाराज की भी महिमा है। इसलिए जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान, मोल करो तलवार का, पड़ी रहने दो म्यान।

जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की ओर बढ़ना होगा

उन्होंने कहा कि कुछ नेता जातिवाद के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए जातिवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद की ओर बढ़ना होगा। इस उद्देश्य को लेकर वे 7 से 16 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक पदयात्रा करेंगे। यह यात्रा जातिवाद और ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाने का प्रयास होगी।

जिस तरह की घटना इटावा में सामने आई उस पर क्या कहेंगी? उमा भारती: मुझे उस पर कुछ कहना ही नहीं है। मैं मीडिया वालों को समझा भी रही हूं कि आप इस पर चर्चा ही मत करिए। क्योंकि, हमारे देश में ऐसा कोई विवाद नहीं हैं। राम कथा, कृष्ण कथा को लेकर, भागवत को लेकर कोई विवाद नहीं हैं।

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